उत्तर प्रदेश में प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे मदरसों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है. विशेष रूप से इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित प्रदेश के कई जिलों में बिना मान्यता के अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे दर्जनों मदरसों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद कर दिया गया है. सीमावर्ती इलाकों में राजस्व और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीमों द्वारा छापेमारी कर अवैध कब्जों को भी चिन्हित किया जा रहा है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
यही नहीं, बिना मान्यता और मानक विहीन रूप से संचालित मदरसों को सील किया जा रहा है. श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच और महाराजगंज में बगैर मान्यता के संचालित किए जा रहे दर्जनों मदरसों को सील कर दिया गया है. वहीं, जमीनों पर किए गए अवैध अधिकरण को भी मुक्त कराया गया है. आइए जानते हैं की इंडो- नेपाल सीमा से सटे जनपदों में कहां-कहां पर कार्रवाई हुई है…
प्रदेश के महराजगंज जिले में स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बनाए गए मस्जिद, मदरसा और मजारों पर कार्रवाई तेज हो गई है. सप्ताह भर के भीतर मजार और मदरसा पर बुलडोजर चलाने के बाद 11 मदरसों को सील कर दिया गया है जिसके बाद अवैध कब्जेदारों में हड़कंप मच गया है. राजस्व विभाग, पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम लगातार कार्रवाई पर कार्रवाई कर रही है.
पिछले पांच दिनों में अब तक की गई कार्रवाई में कुल 41 मदरसे बंद करा दिए गए. जानकारी के मुताबिक, बीते बृहस्पतिवार को भी तहसील भिनगा के मदरसा जामिया रिजाविया मैनुल उलूम, तहसील जमुनहा के 4 मदरसों- मदरसा दारूल उलूम गौसिया फैजाने रजा बस्तीपुरवा, मदरसा गौसिया जियाउल कुरान हसनपुर बेगमपुर, मदरसा गौसिया मिसबाहुल उलूम बनकटवा महोली एवं मदरसा गुलशन मदीन आलागांव को मान्यता के सम्बन्ध में कोई वैध कागजात प्रस्तुत न करने के कारण बंद कराया गया.
वहीं, राजस्व वाद की धारा-67 के अंतर्गत भारत नेपाल सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाली 8 सरकारी भूमि पर बने अवैध पक्के मकान, स्थाई और अस्थाई अवैध अतिक्रमण को मुक्त कराने की कार्रवाई की गई. अब तक कुल 139 प्रकरणों पर अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध बेदखली की कार्रवाई की गई.
श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि विशेष रूप से जो बॉर्डर एरिया हैं, उसमें 0 से 10 किलोमीटर की परिधि में जितनी भी संस्थाएं हैं उनका परीक्षण चल रहा है. इसमें जो ग्राम सभा, शासकीय भूमि पर निर्मित हैं, अथवा मान्यता के जो मानक हैं वो पूरे नहीं करते हैं उन पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है.
बहराइच में इंडो-नेपाल बॉर्डर एरिया में अवैध अतिक्रमण पर गिरी गाज-
बहराइच जिले के इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र रूपईडीहा व मोतीपुर में नो मैंस लैंड से 10 किलोमीटर परिक्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध जिला प्रशासन व्यापक अभियान चलाकर अवैध कब्जों को हटवाने में लगा है. इस संबंध में जिले के मुख्य राजस्व अधिकारी देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि बॉर्डर एरिया में कुल 384 अवैध कब्जे के मामले चिन्हित किए गए थे. जिन्हें अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है. जिसमें जिले की इंडो-नेपाल सीमावर्ती दोनों तहसीलों नानपारा व मिहिपुरवा (मोतीपुर) से 127 अवैध कब्जों को हटवाया गया है. वहीं, 257 अन्य कब्जों को हटवाने के लिए नोटिस जारी की गई है और उन्हें भी शीघ्र कब्जा मुक्त कर दिया जाएगा.
इसी के साथ बॉर्डर एरिया के 10 किलोमीटर परिक्षेत्र में अवैध तरह से चलाए जा रहे मदरसों की भी सघन चेकिंग की जा रही है और सीमावर्ती दोनों तहसीलों से अब तक कुल 6 मदरसों को सीज करने की कार्रवाई की गई है. इस संबंध में जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस व राजस्व अधिकारियों के साथ बॉर्डर एरिया के दो दर्जनों से अधिक मदरसों की व्यापक चेकिंग की जा रही है. जिन 6 मदरसों को सीज किया गया है उसमें चार मदरसे नानपारा तहसील क्षेत्र अंतर्गत बॉर्डर एरिया रूपईडीहा थाना क्षेत्र में पाए गए हैं, जो कि बिना मान्यता व निजी भवनों में संचालित थे. जबकि, दो मदरसे मिहिपुरवा (मोतीपुर) तहसील अंतर्गत कार्रवाई की जद में आए हैं, जिनमें एक मदरसा कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया गया था.
बलरामपुर में अवैध मदरसों पर चला प्रशासन का चाबुक-
बलरामपुर जिले में भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में भी अवैध रूप से बने मजारों और मदरसों और अतिक्रमणों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है और अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अब तक की कार्रवाई में बलरामपुर में एक अवैध मदरसे से कब्जा हटाया गया है और पांच अन्य मदरसों को नोटिस जारी किए गए हैं. इसके अलावा दो मजारों को खाली कराया गया है.
जिले में चिन्हित 13 अवैध अतिक्रमणों में से तीन पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है. इसके अलावा मानक विहीन पाए गए 20 मदरसों को बंद कर दिया गया है. यह कार्रवाई सरकार के निर्देश के बाद की गई है. जिला प्रशासन ने अवैध निर्माणों के खिलाफ अभियान शुरू किया हुआ है.