बिहार में ‘चाय पर चर्चा’ नहीं, ‘चाय पर कर्जा’! सरकारी कर्मचारियों ने दुकानदार को रुलाया

बिहार के नालंदा जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां नालंदा जिला परिषद क सरकारी कर्मचारी करीब सवा लाख रुपए की चाय पी गए. सरकारी कर्मचारियों के चाय पीने की वजह से दुकानदार कर्ज में डूब गया. करीब दो साल से कर्मचारियों ने चाय का बकाया पैसा नहीं चुकाया है. जिससे परेशान होकर दुकानदार ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की उधार की चाय पीने की वजह से वो आज खुद कर्ज में डूब गया है.

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नालंदा के जिला परिषद कार्यालय के बाहर चाय की दुकान लगाने वाले कारू राम ने दावा करते हुए कहा कि पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी ने 4 महीने से पैसे नहीं दिया है. जबकि वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी जब से बनी हैं तब से नहीं मिला है. 4 महीना उनका भी बाकी है. इसके अलावा इधर का भी बाकी है. यानी कुल मिलाकर लाख, सवा लाख रुपया बाकी है. हम खुद दूसरे से कर्जा लेकर दुकान चला रहे हैं.

दो साल से पी रहे फ्री की चाय

कारु राम के दादा, परदादा भी इसी इलाके में चाय बेचने का काम किया करते थे. कारु राम ने कहा कि जिला परिषद कार्यालय में जनप्रतिनिधियों और कर्मियों तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को वो चाय पिलाते हैं. लेकिन दो साल से सरकारी कर्मचारी उधार की चाय का स्वाद ले रहे हैं. बकाया अभी तक नहीं चुकाया गया है.

क्या बोलीं जिला परिषद अध्यक्ष?

वहीं वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी ने कहा कि पहले भी मैंने बताया कि कौन क्या करता है. हमसे तो कई बात ही नहीं करता है. मेरा जो बकाया है उसके अलावा पूर्व अध्यक्ष का जो भी छह महीने या चार महीने का बकाया दिया जा चुका है. हमारी महीने के हिसाब से चाय का भुगतान किया जाता है. उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष का भी बकाया जमा है. इतना ही नहीं पूरे ऑफिस का बकाया जमा है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि मेरे यहां की चाय का बकाया सवा लाख हो गया हो, हो सकता है कि पूरे ऑफिस का मिलाकर सवा लाख हो. कारु राम जो बोले हैं सही ही बोले हैं.

 

 

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