‘रामविलास पासवान का करीबी हूं, नौकरी दिला दूंगा’ कहकर ठगा, 7 साल बाद कानपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस ने एक साइबर ठग को गिफ्तार किया है, जो सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था. आरोपी ने 4 साल पहले कानपुर के कई लोगों से लाखों की ठगी की थी और फरार हो गया था. आरोपी खुद ने खुद को केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान का खुद को करीबी बताता था. पूर्व केंद्रीय मंत्री के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया करता था. फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र का ठग रितेश अपने आपको केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के पीए का करीबी बताता था और लोगों से कहता था कि मंत्री जी के पीए से उसके अच्छे संबंध है. उनसे एक बार कह देंगे तो, जहां चाहोगे नौकरी लग जाएगी. कुछ इसी अंदाज में उसने लोगों को अपनी बातों में फंसा करोड़ों की ठगी की और फरार हो गया था.

2018 में ठगे थे 20 लाख रुपए

वहीं इस पूरे मामले में देहली सुजानपुर के चन्द्रमा प्रसाद सिंह के अनुसार, अगस्त 2018 में उनके दामाद का दोस्त रितेश सिंह और विनोद कुमार सिंह उनके घर पहुंचे थे. दोनों ने बातचीत के दौरान कहा कि मंत्री कोटे से कुछ नौकरियां निकलीं हैं. मंत्री राम विलास पासवान के पीए से उनके काफी अच्छे संबंध हैं. उनसे कहकर आसानी से नौकरियां लगवाई जा सकती हैं.

सरकारी नौकरी दिलाने का किया था दावा

उन्होंने उनकी बातों में आकर 20 लाख रुपये बताए हुए खातों में ट्रांसफर कर दिए, जबकि शेष चार लाख रुपए नियुक्ति पत्र मिलने के समय देना तय हुआ. जिस पर आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उन्हें सरकारी कार्यालय भेजा, जहां पहुंचने पर उन्हें अपने साथ हुई ठगी की जानकारी हुई. जिस पर उन्होंने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. तब से चकेरी पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी की तलाश थी. वहीं बीते दिनों पुलिस ने उसे छत्तीसगढ़ के बोकारो से गिरफ्तार किया है.

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