शुक्रवार को कॉलेज के प्राध्यापक प्रो डॉ एचडी महार द्वारा विद्यार्थियों के व्हाटसप ग्रुप में किए गए एक पोस्ट से विवाद शुरू हो गया था। प्राध्यापक ने अपने पोस्ट में मां काली को बिग डेविल (सबसे बड़ा शैतान) बता दिया था। प्राध्यापक से पोस्ट से नाराज अखिल भारतीय छात्र संगठन के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य कक्ष में हनुमान चालीसा का पाठ कर प्राध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
संगठनों ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
आजाद सेवा संघ के पदाधिकारियों ने सरगुजा एसपी को ज्ञापन सौंप प्राध्यापक के विरुद्ध एफआइआर की मांग कर चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। भाजपा नेता इंदर भगत के साथ हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने गांधीनगर थाने पहुंच प्राध्यापक के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने लिखित ज्ञापन सौंपा था।
प्राध्यापक की टिप्पणी अमर्यादित
इंदर भगत ने कहा कि प्राध्यापक की टिप्पणी अमर्यादित है। धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ ही आस्था को भी चोट पहुंचाई गई है। ऐसे प्राध्यापक पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई थी।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
अलग-अलग संगठनों की ओर से प्रेषित आवेदन और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आखिरकार गांधीनगर थाना की पुलिस ने प्राध्यापक प्रो डॉ एचडी महार के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 298 के तहत प्राथमिकी की है। धारा 298 भारतीय न्याय संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रविधान है जिसका उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कृत्यों को दंडित करना है।
प्राध्यापक ने वीडियो जारी कर मांगी माफी
प्राध्यापक प्रो डॉ एचडी महार ने वीडियो जारी सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मैं खुद हिंदू हूं और मां काली का उपासक हूं। लुचकी घाट स्थित काली मंदिर का संस्थापक सदस्य हूं।व्याकरण की त्रुटि के कारण वाक्य के संयोजन में गलती हुई है। मेरी ऐसी कोई भावना नहीं हैं। उन्होंने हाथ जोड़कर हिंदू समाज के लोगों और खासकर विद्यार्थियों से माफी मांगी है।