आगरा में सन 2000 में साकार विश्व हरि भोलेबाबा को गिरफ्तार किया गया था. उन पर उस समय औषधी और चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत उनपर मुकदमा दर्ज हुआ था. दिसंबर 2000 में साकार विश्व हरि भोले बाबा यानी सूरज पाल सहित 7 लोग गिरफ्तार हुए थे. हालांकि, साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से सबको बरी कर दिया गया था. अब भी एफआईआर की कॉपी मौजूद है.
आगरा में साकार हरि उर्फ भोले बाबा के आश्रम में रोज दिन सुबह-शाम उन्हें मानने वाले लोग पहुंचते हैं. माथा टेकते हैं और साफ-साफाई करके चले जाते हैं. स्थानीय पंकज नाम के शख्स ने साल 2000 की उस घटना के बारे में बताया कि इस आश्रम में बाबा 2000 के दिसंबर के बाद नहीं आए हैं. कोई संतान नहीं थी. उन्होंने एक बच्ची को गोद ले रखी थी. उसको कैंसर था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
एक दिन अचानक बच्ची को बेहोश हो गई. इसके बाद भोले बाबा के अनुयायियों ने कहा कि बाबा उसको ठीक करेंगे. अचानक कुछ देर बाद वह होश में आई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई थी. उस समय भोले बाबा ने शव का दाह संस्कार कर देने को कहा था. इसके बाद मल्ल का चबूतरा शमशान घाट ले जाया गया था, लेकिन उनके अनुयायी इस बात पर अड़ गए थे कि भोले बाबा आएंगे और बच्ची को जिंदा करेंगे.
फिर चार थानों की फोर्स मौके पर पहुंची था और अनुयायियों पर लाठीचार्ज के बाद साकार हरि उर्फ भोले बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा लिखते हुए कार्रवाई की थी, लेकिन साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से सूरजपाल उर्फ साकार हरि उर्फ भोले बाबा समेत 7 लोग बरी हो गए थे.