लोकसभा में शपथ लेते समय अब कोई भी संसद सदस्य नारे नहीं लगा पाएगा. 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कुछ सांसदों ने शपथ लेते समय ‘जय फिलिस्तीन’, ‘जय हिंदू राष्ट्र’ जैसे नारे लगाए थे. इस पर जमकर हंगामा हुआ था. इसको देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने नियमों में कुछ संशोधन किया है. अब ये तय हुआ है कि कोई भी सदस्य शपथ लेते समय शपथ के अलावा किसी भी शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया था कि कई सदस्यों ने शपथ लेने के अवसर का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश भेजने के लिए किया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देशों पर हुए संशोधन (दसवां संस्करण) में कहा गया है कि लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों (सत्रहवें संस्करण) के नियम 389 के अनुसरण में, अध्यक्ष ने निर्देशों में निम्नलिखित संशोधन किया है-
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
‘एक सदस्य, जैसा भी मामला हो, भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में इस उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रपत्र के अनुसार शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा. शपथ या प्रतिज्ञान के रूप में (उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में) किसी भी शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा या कोई टिप्पणी नहीं करेगा’.
हिंदू संगठनों ने किया था ओवैसी के खिलाफ प्रदर्शन
AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान शपथ ग्रहण के दूसरे दिन शपथ ली थी. इस दौरान उन्होंने सदन में ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया था. इसको लेकर राजनीति गरमा गई थी. दिल्ली में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ओवैसी के खिलाफ प्रदर्शन किया था. इसमेंविश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्य शामिल थे.
बीते दिन ओवैसी के दिल्ली आवास पर काली स्याही फेंके जाने की भी घटना सामने आई थी. AIMIM सांसद ओवैसी ने खुद इस घटना की जानकारी दी थी. ओवैसी ने कहा था कि कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने मेरे घर में काली स्याही से तोड़फोड़ की. मैं अब यह गिनती भूल गया हूं कि मेरे दिल्ली आवास को कितनी बार निशाना बनाया गया है.