असम के तिनसुकिया जिले के बोरदुमसा पुलिस थाने के अंदर एक शख्स की बेरहमी से पिटाई के मामले में रविवार को पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही एक थाना प्रभारी (ओसी) का तबादला कर दिया गया. इस मामले में पुलिस अधीक्षक गौरव अभिजीत दिलीप ने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान पुलिस से बहस करने वाले व्यक्ति को ओसी बिस्वजीत सहरिया के निर्देश पर अगली रात बोरदुमसा पुलिस थाने लाया गया. पुलिस थाने के अंदर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई. स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
लोगों ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी. इसके बाद आलाधिकारियों द्वारा दो उपनिरीक्षकों और तीन कांस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. उन्हें जिला मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. इसके साथ ही ओसी बिस्वजीत सहरिया का तबादला कर दिया गया. उन्हें रिजर्व में भेज दिया गया.
एसपी ने मार्गेरिटा के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह राठौड़ को जांच कर आगे की कार्रवाई के लिए 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया. इससे पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘पाकिस्तान समर्थक’ रुख अपनाने के कारण पुलिस ने कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया था.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी आरोपियों को ‘देशद्रोही’ कहा था. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की धरती पर पाकिस्तान का बचाव करने वाले देशद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई हुई. असम पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों पर पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर देशद्रोही टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया.
इससे पहले 26 अप्रैल को 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद सीएम सरमा ने कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो इन लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत केस दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं है. पाकिस्तान का समर्थन करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा.