केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी से संबंधित गीतांजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज को एक साथ नहीं रखा जा सकता और न ही एक ही पैमाने पर मापा जा सकता है.
सीबीआई ने अधिवक्ता अमित मुंडे और जय वोहरा के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करते हुए आरोप लगाया कि पीएनबी को आरोपी बनाने की मांग वाली याचिका गलत मंशा से दायर की गई है.
चोकसी के सह-आरोपी नितिन शाही ने वकील यश अग्रवाल और जैस्मीन पुरानी के माध्यम से बॉम्बे HC में एक याचिका दायर कर मांग की थी कि पीएनबी को भी आरोपी बनाया जाए.
सीबीआई ने कहा कि याचिका “मुकदमे को एक अलग दिशा में ले जाने के उद्देश्य से दायर की गई है, जिसके माध्यम से वह और उसके मास्टरमाइंड फायदा हुआ है. इस तरह न्याय मिलने में परेशानी होगी. आरोपी की ओर से अदालत को उकसाकर उसे पीड़ित बनाने का प्रयास करना एक धोखा है.”
सीबीआई ने बताया कि पीएनबी के सीनियर या जूनियर कर्मचारियों को इसलिए आरोप-पत्र दाखिल किया गया है, क्योंकि उन्होंने पीएनबी के साथ धोखाधड़ी की साजिश रची थी, जबकि गीतांजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों या वरिष्ठ प्रबंधन को इसलिए आरोप-पत्र दाखिल किया गया है, क्योंकि उन्होंने खुद के साथ और आरोपी बैंक अधिकारी के साथ साजिश रची थी और पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी की थी. गीतांजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज लेनदेन की लाभार्थी है, जबकि पीएनबी पीड़ित है. जिसने पैसा गंवाए हैं. आरोपियों के दावे तर्कसंगत नहीं हैं.
pnb को हुआ 7080.86 करोड़ का नुकसान: CBI
सीबीआई ने कहा कि गीतांजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज मामले में पीएनबी को 7080.86 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है और इस प्रकार वह पीड़ित है.
चोकसी से जुड़ी गीतांजलि जेम्स के सहायक वित्त अधिकारी शाही ने पीएनबी को भी आरोपी के रूप में शामिल करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक की अपनी पहली आंतरिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि पीएनबी ने विसंगतियों को नजरअंदाज किया है.
‘बैंक ने खुद को बचाने के लिए…’
याचिका में दावा किया गया है कि बैंक ने खुद को बचाने के लिए अपने कर्मचारियों पर आरोप लगाया है. शाही ने अपनी याचिका में कहा, ‘पीएनबी के शीर्ष स्तर के कर्मचारी/प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति तथा गीतांजलि जेम्स लिमिटेड आरोपी हैं, लेकिन केवल गीतांजलि जेम्स ही आरोपी है, पीएनबी नहीं जो अजीब और भेदभावपूर्ण है. बैंक ने लेन-देन से कमीशन कमाया है, इसलिए बैंक पीड़ित कार्ड नहीं खेल सकता और लेन-देन के संबंध में अनजान होना का बहाना नहीं बना सकता.’
उन्होंने विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसने पहले उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.
शाही ने ये भी बताया कि पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा, जहां पूरा घोटाला हुआ था, के सेवानिवृत्त उप प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी ने 2015 से 2018 की अवधि के दौरान अरेंजर फीस के रूप में मुंबई के ब्रैडी हाउस में पीएनबी के साथ गीतांजलि एक्सपोर्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खाते में कुल 2.28 करोड़ रुपये डेबिट किए.
16 जून को होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे की पीठ इस याचिका और चोकसी की एक अन्य याचिका पर 16 जून, 2025 को सुनवाई करेगी, जिसमें उसके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को
रद्द करने की मांग की गई है.