बीजेपी ने रविवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर 1984 के सिख विरोधी दंगे को लेकर सवाल किया है. बीजेपी ने मांग की कि अगर राहुल गांधी को सच में महसूस होता है कि सिख विरोधी दंगे गलत थे तो उन्हें पूरी तरह से पश्चाताप करना चाहिए. उन्हें जगदीश टाइटलर, कमल नाथ और सैम पित्रोदा को कांग्रेस से निष्कासित कर देना चाहिए.
राहुल गांधी से उनके हालिया अमेरिका दौरा के दौरान दंगों और सिख समुदाय के साथ कांग्रेस के संबंधों के बारे में पूछा गया था. जिसपर गांधी ने कहा कि उस समय वे वहां नहीं थे, जब पार्टी ने बहुत सारी ‘गलतियां’ कीं. राहुल ने कहा कि वह पार्टी के हर गलत कार्य की जिम्मेदारी लेते हैं. कांग्रेस नेता ने बताया कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि 1980 के दशक में जो कुछ हुआ वह ‘गलत’ था.
सिख विरोधी दंगों पर पित्रोदा ने कहा था ‘हुआ तो हुआ’
कांग्रेस के रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में 21 अप्रैल को यह टिप्पणी की थी. राहुल गांधी की टिप्पणी पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, ‘अगर उनका वास्तव में वही आशय है जो उन्होंने कहा है और 1984 के सिख विरोधी दंगों की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं, तो उन्हें जगदीश टाइटलर, कमल नाथ को कांग्रेस से निष्कासित कर देना चाहिए. उन्हें सैम पित्रोदा को भी निकाल देना चाहिए जिन्होंने दंगों के बारे में कहा था कि ‘हुआ तो हुआ’.’
आरपी सिंह ने कहा, ‘अगर आप पश्चाताप करना चाहते हैं, तो पूरी तरह से पश्चाताप करें. इस तरह की आधी-अधूरी प्रतिक्रिया पर्याप्त नहीं होगी. अगर आपको वाकई लगता है कि कोई गलती हुई है, तो आप उसे सुधारें. आप जगदीश टाइटलर, कमल नाथ और सैम पित्रोदा को कांग्रेस से निकाल दें.’ अमेरिका में राहुल गांधी से उनके ‘भारत में सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति’ वाले बयान पर भी सवाल किया गया था.
राहुल का दुनिया भर में किया जा रहा उपहास- BJP
बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर शनिवार को संवाद के उस हिस्से को पोस्ट करते राहुल गांधी पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘एक युवक ने राहुल गांधी के मुंह पर कहा, आपने सिखों के साथ सुलह समझौता नहीं किया है. इसने उन्हें पिछली अमेरिका यात्रा के दौरान निराधार भय-प्रसार में उनके शामिल होने की याद दिला दी. यह अभूतपूर्व है कि राहुल गांधी का अब न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में उपहास किया जा रहा है.’