उत्तर प्रदेश के औरैया से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां दो कलयुगी बेटों ने बंटवारे को लेकर पिता को अगवा कर पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, इटावा के गांव नगला महाजीत के रहने वाले 50 वर्षीय रविंद्र यादव करीब 10 सालों से कुदरकोट के गांव रठा में रिश्तेदार महिला के साथ रह रहे थे, जिसका उसकी पत्नी और घरवाले विरोध करते थे.
रविवार को रविंद्र रठा गांव के विवेक के साथ बाइक से भरथना से दवाई लेकर वापस लौट रहे थे. तभी वैवाह गांव के पास बंबा के किनारे सड़क पर पीछे से आई सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी. कार सवार लोगों ने रविंद्र सिंह को कार में डाला और इटावा की तरफ चले गए. घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुट गई.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
खून से लथपथ घायल अवस्था में मिले
वहीं पुलिस किडनैप हुए रविन्द्र सिंह की तलाश कर ही रही थी. तभी वह जगदीशपुर के पास एक कार में खून से लथपथ घायल अवस्था में मिल गए. कार में उनके दोनों बेटे आदेश और नवीन के साथ एक रिश्तेदार अंकित भी मौजूद थे. पुलिस उसी कार से घायल रविंद्र को अस्पताल ले गई, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर ने बताया कि 4 मई को सुबह के वक्त थाना कुदरकोट को जानकारी मिली कि मोटरसाइकिल में टक्कर मारने के बाद एक व्यक्ति को स्विफ्ट डिजायर में आए हुए लड़के किडनैप कर ले गए.
डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया
उन्होंने आगे बताया कि पूछताछ करने पर यह पता चला कि घायल का नाम रविंद्र सिंह पुत्र गेंदालाल है, जो इटावा का रहने वाला है और कुदरकोट में रह रहा था. कार में जिनके साथ रविंद्र मिला. वह उनके ही बेटे थे. रविंद्र की हालत बेहद खराब थी. उनको काफी ज्यादा पीटा गया था. इसलिए उनका खून बह रहा था. ऐसे में उनकी जान बचाने के लिए उन्हें एक सिपाही और उनके रिश्तेदार के साथ उसी गाड़ी से सीएचसी एरवाकटरा ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
मृतक के भतीजे ने दर्ज कराया केस
दोनों बेटों से पूछताछ करने पर पता चला कि रविंद्र काफी समय से अपने घर से बाहर थे. घर वालों को पालन पोषण के लिए पैसा नहीं दे रहे थे, साथ ही घर में बंटवारे को लेकर भी पिता और बेटों के बीच में विवाद चल रहा था और इसी विवाद के चलते साजिश के तहत उसके बेटों ने ही इस घटना को अंजाम दिया. इस मामले में मृतक रविंद्र सिंह के भतीजे विवेक यादव की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया था.