हवाई जहाज में सफर करते समय कई बार हादसे भी हो जाते हैं, जिसकी वजह से लोगों की जान भी चली जाती है. 2022 में ऐसी ही एक घटना हुई थी. स्पाइसजेट की उड़ान के दौरान विमान के झटके की वजह से एक यात्री की मौत हो गई थी जबकी कई अन्य के घायल हो गए थे. इस मामले में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने अंतिम जांच रिपोर्ट में कहा है कि चालक दल के खराब संसाधन प्रबंधन और निर्णय लेने में चूक के अलावा यात्रियों के सीट बेल्ट नहीं पहनने से यह हादसा हुआ था.
एक मई 2022 को हुई इस दुर्घटना की अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट में एएआईबी ने यह सिफारिश भी की है कि विमानन नियामक डीजीसीए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके अधिकारी विमान को पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) से हटाते समय ब्यूरो से मंजूरी लेने के लिए उड़ान भरने लायक प्रक्रिया मानकों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें.
AAIB से मंजूरी या समापन रिपोर्ट की जांच करना जरूरी
यह सिफारिश तब की गई है जब नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दुर्घटना में शामिल बोइंग 737-800 विमान का पंजीकरण खत्म कर दिया था और एएआईबी की मंजूरी के बिना ही पट्टादाता को वापस कर दिया था. मानकों के मुताबिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर डीजीसीए को विमान का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) निरस्त करने के पहले एएआईबी से मंजूरी या समापन रिपोर्ट की जांच करनी होती है.
2020 में हुआ था हादसा, एक यात्री की हुई थी मौत
एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक एक मई, 2022 को स्पाइसजेट का यह विमान मुंबई-दुर्गापुर खंड में उड़ान पर था. जिसमें 189 यात्री और चालक दल के 6 सदस्य सवार थे. इस दौरान उसे बड़े झटकों का सामना करना पड़ा था. वहीं सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले कई यात्री अपनी सीटों से उछल गए थे जिसकी वजह से उन्हें गंभीर चोटें आई थीं. बाद में इलाज के दौरान एक यात्री की मौत हो गई थी. घटना के 3 साल बाद रिपोर्ट में चालक दल को जिम्मेदार ठहराया गया है.