2025 में भारत बनेगा चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था, जापान और जर्मनी जल्द होंगे पीछे

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच इकोनॉमी के मोर्चे पर अच्छी खबर आ रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2025 में भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आपको बता दें IMF ने हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक जारी किया है, जिस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में भारत की नॉमिनल जीडीपी बढ़कर बढ़कर 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगी. वहीं जापान की जीडीपी का आकार 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है.

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आपको बता दें फिलहाल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. फिलहाल भारत से आगे अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान है. IMF की इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत जर्मनी को कब तक पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.

2027 तक बनेगी 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी

आईएमएफ के अनुमान के अनुसार भारत जर्मनी को 2028 में पीछे छोड़ सकता है, लेकिन इससे पहले भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है. अगर ये संभव हुआ तो 2027 में भारत की इकोनॉमी तकरीबन 5,069.47 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. वहीं, 2028 तक भारत की जीडीपी का आकार 5,584.476 अरब डॉलर की हो सकती है. जबकि इस दौरान जर्मनी की जीडीपी का आकार 5,251.928 अरब डॉलर रहने का अनुमान है.

2025 में 6.2% रह सकती है देश की GDP

IMF के अनुमान की माने तो इस साल यानी 2025 में भारत की जीडीपी 6.2% की रफ्तार से ग्रोथ कर सकती है. आपको बता दें इससे पहले जनवरी में जारी की गई आउटलुक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रह सकती है. वहीं इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका और चीन अगले 10 साल तक अपनी रैंकिंग बरकरार रख सकते हैं.

दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था भारत की

IMF की रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रंप टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में अगले दो साल तक 6% की ग्रोथ से बढ़ने वाली इकोनॉमी केवल भारत की है.

वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में 2.8 % ग्रोथ का अनुमान

आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा, “हमारे अप्रैल 2025 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में 2.8 प्रतिशत की कमजोर ग्लोबल ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है, जिसमें 127 देशों की वृद्धि दर में गिरावट शामिल है, जो ग्लोबल जीडीपी का 86 प्रतिशत है.”

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