लवकुश मंदिर में 108 शिवलिंगों के साथ दक्षिणाभिमुख हनुमान व मां गंगा की प्रतिष्ठा, भव्य कलश यात्रा से हुआ शुभारंभ

अयोध्या : पावन नगरी अयोध्या स्थित लवकुश मंदिर – वाल्मीकि आश्रम में धार्मिक आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है.जीर्णोद्धार के बाद अब मंदिर एवं धर्मशाला में प्राचीन व नवीन मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का महोत्सव प्रारंभ हो चुका है.इस शुभ अवसर पर रामकथा प्रवचन और विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ भव्य आयोजन की शुरुआत हुई.

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मंदिर के महंत राम केवल दास जी ने जानकारी दी कि मंदिर में 108 शिवलिंगों की स्थापना के साथ-साथ मां गंगा, मां दुर्गा और दक्षिणाभिमुख हनुमान जी की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी मूर्तियां अयोध्या पहुंच चुकी हैं और अनुष्ठानपूर्वक उनका अधिवास प्रारंभ कर दिया गया है.

अनुष्ठान के पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जो मंदिर परिसर से आरंभ होकर बड़ा स्थान, हनुमानगढ़ी होते हुए राम पथ से सरयू तट तक पहुंची। वहां मां सरयू का पूजन-अभिषेक कर शोभायात्रा अपने गंतव्य को लौटी। इस यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भागीदारी रही.

मुख्य जजमान के रूप में राजकुमार, शंकर लाल खाटू वाले, कन्हैया लाल, निरंजन कुमार जयपुरिया और अन्य प्रमुख भक्तगण उपस्थित रहे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ आचार्य द्विजेंद्र नारायण मिश्र, वेंकटेश मिश्रा, कृपा शंकर, सुधाकर द्विवेदी और मनोज तिवारी सहित अनेक आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया.

यह आयोजन अयोध्या में धार्मिक ऊर्जा और आध्यात्मिक चेतना को एक नई ऊंचाई प्रदान कर रहा है.

 

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