मध्य प्रदेश : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार के दिन देश के संवेदनशील जिलों में मॉक ड्रिल की गाइडलाइन जारी की थी. इसमें एमपी के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल की गई. इसमें शाम 7:40 पर ब्लैक आउट किया गया.वार में एयर स्ट्राइक से बचने के लिए 15 मिनट तक पूरी तरह अंधेरा रखा गया.
सायरन बजते ही शहर में छाया अंधेरा
जबलपुर शहर में शाम 7.30 बजे से 7.42 तक ब्लैक आउट का नजारा देखने को मिला.जिला प्रशासन द्वारा 7 मई को शहर के विभिन्न क्षेत्रों पर मॉक ड्रिल की गई. उसके बाद जबलपुर कलेक्टर के आदेशानुसार शाम को ब्लैकआउट का अभ्यास भी किया गया.इसका मुख्य उद्देश्य जनता को जागरूक करना है.
इसके लिए सायरन बजाकर ब्लैकआउट का इशारा किया गया। जिला प्रशासन द्वारा अपील की गई थी कि लोग स्वयं अपने-अपने घरों के बाहर की लाईट बंद करें, साथ ही शासकीय व अशासकीय सभी संस्थान बाहर की लाईट बंद करें। जिसके चलते पूरे शहर में अंधकार का माहौल देखने को मिला वहीं सड़क पर चलने वाले वाहनों ने भी अपनी लाईट उक्त अवधि के दौरान बंद रखी. जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य यह अभास कराना है कि उक्त क्षेत्र अवासीय नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर लाइट से एयर अटैक की संभावना रहती है.
15 मिनट तक फुल ब्लेक आउट
करीब 12 से 15 मिनट तक पूरा शहर अंधेरे में रहा.इस दौरान अस्पतालों, होटलों और मॉल्स की लाइटें भी बंद रही.पूरे ऑपरेशन की निगरानी ड्रोन कैमरों से की गई. हालांकि कुछ लोगों ने मोबाइल से अंधेरे की वीडियो बनाने की कोशिश की, विजयनगर और अन्य क्षेत्रों में लोगों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए जागरूक करना और उन्हें बचाव के बुनियादी उपायों की जानकारी देना था.इसी तरह प्रदेश के अन्य संवेदनशील जिलों में भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में भी ब्लैक आउट किया गया.