पाकिस्तान के मंसूबों पर भारी पड़ी आस्था… हमले के दूसरे दिन पुंछ में फिर खुला गुरुद्वारा, गूंजी अरदास

Gurudwara reopened in Poonch after Pak attack: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी तेज कर दी है. कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, अखनूर और पुंछ जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना ने गोले और मोर्टार दागे जा रहे हैं. इसी गोलीबारी में पुंछ में एक गुरुद्वारे को भी निशाना बनाया गया. इसके बावजूद सिख समुदाय ने हार नहीं मानी.

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डर को पीछे छोड़ते हुए गुरुद्वारा फिर से गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया, जहां अरदास शुरू हुई. लोगों की अटूट आस्था और विश्वास ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को करारा जवाब दिया है. इस हमले में गुरुद्वारे की दीवारों पर धमाकों और गोलियों के निशान साफ देखे जा सकते हैं.

तनाव को देखते हुए पंजाब के छह सीमावर्ती जिलों फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर, और तरनतारन में गुरुवार को सभी स्कूल बंद रहे. तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर ने आदेश जारी कर 8 मई से 11 मई तक जिले के सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया. फिरोजपुर में अगले 72 घंटों तक और फाजिल्का में अगले आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे. अमृतसर में भी ब्लैकआउट लागू किया गया और लोगों से घरों में रहने तथा लाइट बंद रखने की अपील की गई.

‘ऑपरेशन सिंदूर’: पहलगाम हमले का जवाब
बता दें कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. इस हमले में 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए थे. भारतीय सेना, वायुसेना, और नौसेना के संयुक्त अभियान में पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरीदके, और मुजफ्फराबाद सहित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके स्थित ठिकाना शामिल था. खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए इन हमलों में 90 से अधिक आतंकवादी मारे गए.

सरहद पर डर का माहौल
पाकिस्तान के लगातार हमलों के कारण सीमावर्ती इलाकों में डर का माहौल है. फिरोजपुर में लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. अमृतसर और तरनतारन में सीमा से सटे गांवों में स्थिति शांत है, लेकिन किसानों को कंटीली बाड़ के पार खेतों में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

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