यूपी के बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर जायरीन तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा. पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद प्रशासन ने नई रणनीति बनाई है. अब शहर की ओर आने वाले सभी सड़कों पर नाकेबंदी की जाएगी. इसके लिए गैर जिलों के एएसपी सहित पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. साथ ही जहां से जायरीन आते हैं, वहां के एसपी व डीएम को पत्र लिख जायरीनों को वहीं रोकने का कहा गया है.
दरगाह पर प्रति वर्ष आयोजित होने वाले जेठ मेले पर प्रशासन ने कई कारणों से रोक लगा दी है. इसी के बाद दरगाह के प्रबंधक वकाउल्ला ने एक बयान जारी किया था. इसमें मेले पर रोक के बावजूद जायरीन आने की बात कही गई थी। साथ ही डीएम को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई थी. इसी बीच भारत द्वारा पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर दिया गया। इस बदले हालात के बाद जिला प्रशासन ने मेले को लेकर नई रणनीति बनाई है. अब सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह के आसपास भी जायरीन नहीं भटक पाएंगे. इसके लिए पूरी योजना तैयारी की गई है। इसके लिए दरगाह का ही इलाका नहीं बल्कि पूरे जिले की नाकाबंदी होगी। इसके लिए पीएसी के जवानों को तैनात किया जाएगा.
गैर जिले से भी मांगी गई फोर्स
देश में बदले हालात व जेठ मेले पर प्रतिबंध को देखते हुए अन्य जिलों से फोर्स की मांगी गई है. इसमें एसएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर, उपनिरीक्षक व आरक्षी हैं. साथ ही पीएसी की भी तैनाती की जाएगी.
गोंडा, बलरामपुर व श्रावस्ती रूट पर ज्यादा चौकसी
जिले में जायरीन के लिए दो पड़ाव हैं। पहला गोंडा से बलरामपुर की ओर से आने वाला रास्ता जो चित्तौड़ पर रुकता है। यह वही रास्ता है, जिधर से सबसे ज्यादा जायरीन आते हैं। इसके बाद श्रावस्ती की ओर से आने वाला रास्ता। जहां लोग बड़े पुरुष की मजार पर भी रुकते हैं। उधर से बस्ती के लोग आते हैं। ये वे रास्ते हैं, जो जायरीनों के कारण चर्चा में रहते हैं।
चारों तरफ होगी नाकाबंदी
15 मई से जायरीन का पहला जत्था आने की उम्मीद है। वह सबसे पहले चित्तौरा झील पर रुकता है। वहां झील में स्नान के बाद बरात लेकर बहराइच दरगाह आते हैं। पहला पड़ाव होने के कारण पहली भीड़ भी यहीं होती है। इसलिए यहां नाकाबंदी की जाएगी। इसी के साथ ही श्रावस्ती, लखनऊ, बहराइच, लखीमपुर सहित अन्य जिलों की ओर से आने वाले सड़कों पर नाकाबंदी की जाएगी.
दूसरे जिलों के डीएम, एसपी को भेजा गया है पत्र
सबसे ज्यादा जायरीन गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया के साथ ही मंडल के सभी जिलों और महाराष्ट्र से आते हैं. या फिर जिस रास्ते से होकर ये उत्तर प्रदेश में घुसते हैं, वहां के डीएम व एसपी को पत्र लिखा गया है. ताकि जायरीन को यह स्थानीय स्तर पर ही बता दिया जाए कि इस वर्ष मेला नहीं लगा है. वह वापस जाएं –
रामानंद कुशवाहा एएसपी नगर