जस्टिस यशवंत वर्मा कैशकांडः CJI संजीव खन्ना ने जांच वाली रिपोर्ट को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा

दिल्ली हाईकोर्ट के जज रह चुके यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में कैश मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कराया था. इस जांच की रिपोर्ट पिछले दिनों आ गई. इसके बाद देश के मुख्य न्यायधीश यानी सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में कमेटी की रिपोर्ट और उस पर आए जस्टिस यशवंत वर्मा के जवाब को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है.

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सीजेआई खन्ना ने इस रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा की जवाब की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा है. इस मामले में तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट 3 मई को देश के मुख्य न्यायधीश को सौंप दी गई थी. जबकि न्यायशीश यशवंत वर्मा का जवाब 6 मई को आया. जिसे आज 8 मई को रिपोर्ट ही के साथ नत्थी कर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सीजेआई ने भेज दिया है.

जगदीप धनखड़ ने उठाया था सवाल

जस्टिस वर्मा के घर से जले हुए नोट बरामद होने के बाद उनकी आलोचना हुई थी. जस्टिस वर्मा ने इसे भ्रष्टाचार के मामले में फंसाने की साजिश कहा था. जबकि देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज न होने और उनका तबादला सीधे इलाहाबाद हाईकोर्ट करने पर भारत की न्यायपालिका से सवाल पूछा था.

वकालत, इलाहाबाद और फिर दिल्ली

जस्टिस वर्मा ने बतौर वकील अपने करियर की शुरूआत साल 1992 में की थी. इसके बाद 2014 तक वे वकालत करते रहें. पहली दफा साल 2014 में वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने. 2016 में उन्होंने स्थायी जज के तौर पर पदभार संभाला. करीब चार साल पहले जस्टिस वर्मा की तैनाती दिल्ली हाईकोर्ट हुई थी. लेकिन फिर कैशकांड के बाद उन्हें दोबारा से इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया.

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