Uttar Pradesh: जनसुनवाई सर्वोच्च प्राथमिकता: अयोध्या के नए SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने संभाला कार्यभार

Uttar Pradesh: अयोध्या जिले में कानून-व्यवस्था को नई दिशा देने और जनसुनवाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकल्प लेकर SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण कर लिया. पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि शासन की मंशा के अनुरूप जनता की समस्याओं का त्वरित व पारदर्शी समाधान उनकी प्राथमिकता में शीर्ष पर रहेगा.

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पुलिस लाइन में सलामी, फिर लिया कमान का जिम्मा

गुरुवार को पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर का पुलिसकर्मियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और औपचारिक सलामी दी. कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे रामनगरी अयोध्या जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण जिले में सेवा का अवसर मिला है.”

जनसुनवाई बनेगी पहचान, पुलिसिंग होगी जनकेंद्रित

SSP डॉ. ग्रोवर ने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं में जनसुनवाई सबसे महत्वपूर्ण है। जनता की समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए कि वे पुराने और प्रभावी मॉडल को अयोध्या में भी लागू करेंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में वे जनसुनवाई की प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित व टेक्नोलॉजी आधारित बनाएंगे ताकि हर फरियादी को समय पर न्याय मिल सके.

गोरखपुर की तैनाती रही ऐतिहासिक और अनुकरणीय

SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर अयोध्या से पहले गोरखपुर में करीब तीन वर्षों तक SSP के पद पर तैनात रहे। उनका यह कार्यकाल न केवल लंबा रहा, बल्कि उपलब्धियों से भी भरपूर रहा। वे गोरखपुर में दो साल, दस महीने और दो दिन तक SSP के रूप में कार्यरत रहे, जो कि पिछले 35 वर्षों में सबसे लंबी तैनाती थी. इस दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण, माफियाओं पर शिकंजा, पुलिसकर्मियों के कल्याण और जनसुनवाई के क्षेत्र में कई अनुकरणीय पहल कीं.

माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई बनी पहचान

गोरखपुर में तैनाती के दौरान डॉ. ग्रोवर ने भू माफियाओं, मेडिकल माफियाओं, जालसाजों और शातिर अपराधियों के खिलाफ एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई की। गैंगस्टर एक्ट, एनएसए और संपत्ति कुर्की जैसे कठोर कानूनी प्रावधानों का उपयोग करते हुए उन्होंने अपराधियों की कमर तोड़ दी। विशेष रूप से अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों पर शिकंजा कसकर यह संदेश दिया कि अपराध के जरिए अर्जित संपत्ति टिकाऊ नहीं होती.

पर्ची सिस्टम ने जनसुनवाई को बनाया पारदर्शी और तेज

जनसुनवाई की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए डॉ. ग्रोवर ने गोरखपुर में ‘पर्ची सिस्टम’ की शुरुआत की थी। इस व्यवस्था में हर फरियादी को एक क्रम संख्या वाली पर्ची दी जाती थी जिससे उनके मामले का निस्तारण रिकॉर्ड में दर्ज हो सके. इससे न केवल सुनवाई प्रक्रिया में पारदर्शिता आई, बल्कि शिकायतों के समाधान की रफ्तार भी तेज हुई. यह मॉडल अयोध्या में भी अपनाया जा सकता है.

फर्जीवाड़ों पर चला बुलडोजर

डॉ. गौरव ग्रोवर ने गोरखपुर में फर्जी डिग्री, फर्जी स्टॉप व नकली सोना बेचने वाले गिरोहों पर बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने फर्जी मेडिकल डिग्री रखने वाले लोगों के खिलाफ एक अभियान चलाकर कई फर्जी क्लीनिक व डायग्नोस्टिक सेंटर सील कराए। इसके साथ ही फर्जी स्टॉप व नकली सोने के कारोबार में संलिप्त गिरोहों का भी पर्दाफाश किया। यह दिखाता है कि वे न केवल बड़े अपराधियों पर कार्रवाई करते हैं, बल्कि आम जनता के हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर सजग रहते हैं.

कौन हैं डॉक्टर गौरव ग्रोवर?

डॉ. गौरव ग्रोवर 2013 बैच के IPS अधिकारी हैं और मूल रूप से भटिंडा, पंजाब के रहने वाले हैं। वर्ष 1986 में जन्मे डॉ. ग्रोवर ने एमबीबीएस की पढ़ाई की और डॉक्टर के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया। उनकी प्रशासनिक दक्षता और कर्तव्यनिष्ठा के कारण उन्हें कई बार सम्मानित किया गया है.

2020 में महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क सिल्वर

2022 में महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क गोल्ड

2024 में महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क प्लेटिनम

इन सम्मानों के जरिए यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपने हर कार्यकाल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

 

अयोध्या में क्या हो सकते हैं प्राथमिक एजेंडे?

अब जब डॉ. गौरव ग्रोवर अयोध्या की कमान संभाल चुके हैं, तो उनके सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ होंगी:

राम मंदिर के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था

धार्मिक पर्यटन स्थलों की निगरानी और व्यवस्था

भीड़ प्रबंधन

अपराधियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई

साइबर अपराध पर नियंत्रण

महिला व बच्चों की सुरक्षा पर विशेष जोर

पुलिसकर्मियों का मनोबल और कल्याण कार्यक्रम

SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर का अयोध्या आगमन जनता और पुलिस प्रशासन दोनों के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आया है। उनके पिछले कार्यकालों की सफलता इस बात की गवाही देती है कि वे केवल प्रशासनिक अधिकारी नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी और संवेदनशील नेता भी हैं. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अयोध्या को अपराधमुक्त और जनसुनवाई में अग्रणी जिला बनाने में किस तरह के नवाचार करते हैं.

 

 

 

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