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ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोल गई ये प्रोफेसर…बीजेपी के विरोध पर मांगनी पड़ी माफी

हैदराबाद में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की सदस्यों ने सातवाहन विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुरेपल्ली सुजाता को निलंबित करने की मांग की है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ कथिततौर पर देशद्रोही टिप्पणी की थी. इस हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी.

रविवार, 7 मई को ऑपरेशन सिन्दूर की डीटेल्स सामने आने के कुछ समय बाद सुरेपल्ली सुजाता ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि सिन्दूर का मतलब ‘ब्लड सिन्दूर’ है क्या ?

उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि यह भक्ति, पूजा या धर्म का प्रतिनिधित्व करता है. युद्ध केवल विनाश होगा, लेकिन शांति नहीं. हालांकि बाद में उन्होंने अपने फेसबुक से इस पोस्ट को हटा दिया है.

बीजेपी नेताओं ने की आलोचना

ऑपरेशन सिंदूर पर उनकी टिप्पणी की राजनीतिक नेताओं, खासकर बीजेपी विधायकों ने आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि यह देशद्रोह के बराबर है. सुजाता की टिप्पणियों को निंदनीय करार देने वाली बीजेपी विधायक पायल शंकर ने बुधवार को एक बयान जारी कर कांग्रेस सरकार से उन्हें तेलंगाना शिक्षा आयोग की सलाहकार समिति के सदस्य के पद से निलंबित करने की मांग की थी.

शुक्रवार को महिला मोर्चा की अध्यक्ष जयश्री के नेतृत्व में सदस्यों ने गुरुवार को सातवाहन विश्वविद्यालय के मेन गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सुजाता का पुतला फूंका. उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उनके निलंबन की मांग की गई.

मीडिया से बात करते हुए जयश्री ने कहा कि महिला मोर्चा राज्यपाल से मिलकर सुजाता के बारे में शिकायत करेंगी, जिसके बारे में उनका दावा है कि इस देशद्रोह के केस को दर्ज किया जाना चाहिए.

प्रोफेसर ने मांगी माफी

बुधवार को अपनी टिप्पणी के लिए सभी पक्षों से कड़ी आलोचना झेलने के बाद सुजाता ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आज सुबह मैंने जो पोस्ट किया. उससे बीजेपी और दूसरी पार्टी के मेरे भाई-बहन बहुत दुखी हैं. मैं फेसबुक पर घोषणा कर रही हूं कि मैंने पहलगाम में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं के साथ एकजुटता में लिखा है, लेकिन देश की सेना या सरकार की कार्रवाई के खिलाफ नहीं.

युद्ध के बाद की स्थिति पर थोड़ा रिसर्च करने और अपने अनुभवों को ध्यान में रखते हुए मैंने यह ये पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि मेरे पोस्ट का उद्देश्य है कि किसी का अपमान करना नहीं था और न ही यह देश की सुरक्षा के बारे था. अगर किसी को ऐसा लगा हो तो मैं माफी मांगती हूं.

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