Madhya Pradesh: श्योपुर जिले के विजयपुर महाविद्यालय केंद्र पर शिक्षा माफियाओं का आतंक इतना कि इस आतंक के चलते इनके आगे शासन और प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहे है. सिस्टम को खुली चुनौती देने वाले शिक्षा माफियाओं के खिलाफ कोई एक्शन नही लेने से अब विभागीय अधिकारी भी अब अपने पद को बचाने में लगे हुए है. यह बात हम नहीं कह रहे है बल्कि यह बात तो खुद उड़नदस्ता प्रभारी बयां कर रहे है. उनका आरोप है कि, जब उनके द्वारा महाविद्यालय जांच करने के लिए पहुंचे तो महाविद्यालय में सामूहिक नकल चल रही जिसकी वीडियो ग्राफी नकल करते पकड़े गए छात्र इस बात का सबूत है फिर भी जिम्मेदारों अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई जिसका खामियाजा उड़नदस्ता प्रभारी को उठाना पड़ा.
आखिर मामला क्या है इसको समझने की कोशिश करते हैं
श्योपुर जिले के विजयपुर महाविद्यालय में सामूहिक रूप से नकल चल रही है. जिसकी वीडियो ग्राफी से लेकर तमाम बह सबूत छात्रों के पास मिले जिससे यह साबित होता है कि सिस्टम पर शिक्षा माफियाओं का कब्जा हो चुका है. जिम्मेदारों ने एक टीम का गठन किया जिसमें बीरेंद्र सिंह को उड़नदस्ता प्रभारी बनाया गया. अब उनके द्वारा जिले में चल रही (प्रथम फर्स्ट ईयर)की परीक्षा केंद्रों पर जांच की जा रही है. हद तो तब हो गई जब उड़नदस्ता प्रभारी बीरेंद्र सिंह ने विजयपुर महाविद्यालय में सामूहिक रूप से चल रही नकल को पकड़ा और उनके द्वारा इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग भोपाल आयुक्त ग्वालियर चंबल संभाग अतिरिक्त संचालक ग्वालियर चंबल संभाग कुल सचिव जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर जिला कलेक्टर अर्पित वर्मा सहित तमाम उन अधिकारियों को इस मामले की शिकायत वीडियो और नकल भेजी है. लेकिन उनके द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया बल्कि उनको उड़नदस्ता प्रभारी से हटा दिया गया, यह बात खुद बह बयां भी कर रहे है. अगर शासन और प्रशासन अभी भूमिका को निष्पक्ष रूप से निभाता तो शायद इस तरह के आरोप उन पर नहीं लगते.
उड़नदस्ता प्रभारी बोले- शिकायत के बाद मुझे उस केंद्र से हटा दिया गया
उड़नदस्ता प्रभारी बीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा महाविद्यालय विजयपुर में जांच की गई. और मुझे इसी लिए प्रभारी इंचार्ज बनाया गया कि जहां नकल चल रही है उस पर तत्काल रोक लगा कर मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दूं.लेकिन मेरे द्वारा इस मामले की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग भोपाल आयुक्त ग्वालियर चंबल संभाग कुल सचिव जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर जिला कलेक्टर से लेकर तमाम उन अधिकारियों को सबूत के साथ भेजी है पंरतु उनके द्वारा इस मामले में एक्शन लेने की बजाय मुझे उक्त परीक्षा केंद्र से हटाकर दूसरी जगह का प्रभारी बना दिया गया है.