अदाणी फाउंडेशन और प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की साझेदारी से अमेठी बना ‘मॉडल सोलर विलेज’, सोलर छतों से रोशन होगा भारत

भारत अब ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और अदाणी फाउंडेशन की साझेदारी ने अमेठी के ग्रामीण इलाकों में बदलाव की नई इबारत लिख दी है. इस पहल के तहत टिकरिया क्षेत्र में कई गांवों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को न केवल मुफ्त बिजली मिल रही है, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी हो रही है.

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अदाणी समूह के एसीसी सीमेंट प्लांट के सीएसआर फंड से प्रति लाभार्थी ₹15,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है, वहीं केंद्र सरकार की सब्सिडी के तहत कुल लागत का बड़ा हिस्सा कवर किया जा रहा है. लाभार्थी को महज ₹5,000 खर्च करने पड़ते हैं.

कैसे काम कर रही है यह योजना?

अदाणी फाउंडेशन की टीम गांव-गांव जाकर योजना के बारे में जानकारी देती है, लाभार्थियों की सूची बनाती है, पंजीकरण कराती है और वेंडर के ज़रिए सोलर पैनल लगवाए जाते हैं. पैनल स्थापना के बाद ग्रिड से कनेक्शन जोड़ा जाता है और प्रमाण-पत्र के बाद भुगतान प्रक्रिया पूरी होती है. अब तक 90 से अधिक घरों में सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं.

कम लागत, स्थायी मुनाफा

1 किलोवाट का सोलर सिस्टम प्रतिदिन औसतन 4.5 यूनिट बिजली पैदा करता है, जिससे हर महीने करीब 135 यूनिट उत्पादन होता है. इससे ₹800-₹900 तक की आमदनी होती है. बड़े संयंत्र लगाने पर यह आय ₹5,000 प्रति माह तक भी पहुंच सकती है.

गांवों में दिख रहा बड़ा असर

ललितपुर के बार गांव के किसान रामेश्वर सिंह बताते हैं, “पहले बिजली बिल और जनरेटर का खर्च परेशान करता था, अब सौर ऊर्जा से न केवल मुफ्त बिजली मिलती है, बल्कि हर महीने ₹2,500 तक की कमाई भी हो जाती है.”

महिलाओं का बढ़ता योगदान, युवाओं को नया रोजगार

इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और युवाओं के लिए टेक्नीशियन जैसे नए रोजगार खोले हैं. किसान सिंचाई के लिए सौर पंप का उपयोग कर रहे हैं, जिससे डीज़ल की खपत और लागत दोनों में कमी आई है.

पारदर्शिता और जवाबदेही

हर लाभार्थी के घर पर ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ की ब्रांडिंग की जा रही है. स्थापना से लेकर प्रमाणन तक हर प्रक्रिया का दस्तावेजीकरण अनिवार्य है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और हर पक्ष की जवाबदेही तय हो.

सौर ऊर्जा: उज्जवल भविष्य की कुंजी

जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट के बीच भारत ने सौर ऊर्जा को भविष्य का आधार बना लिया है. सूरज की रोशनी अब रोशनी ही नहीं, बल्कि आमदनी, स्वच्छता और आत्मनिर्भरता की नई पहचान बन गई है. प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ऊर्जा क्रांति की वह लहर है जो हर भारतीय को खुद के लिए बिजली पैदा करने का सशक्त अवसर दे रही है. अब सूरज सिर्फ उगता नहीं, कमाता भी है — आपके अपने घर की छत से.

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