अंबिकापुर के कार्मेल स्कूल की कक्षा 6वीं की स्टूडेंट अर्चिता सिन्हा (12) सुसाइड मामले में आरोपी टीचर सिस्टर मर्सी की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सिस्टर मर्सी की FIR शून्य करने की अपील हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दाखिल की थी।
मामला 6 फरवरी 2024 का है। अर्चिता सिन्हा ने अपने घर में फांसी लगा ली थी। उसने सुसाइड नोट में लिखा था कि टीचर सिस्टर मर्सी तंग करती हैं, इसलिए मैं मरकर रिवेंज (बदला) लूंगी। टीचर पर प्रताड़ित करने का जिक्र अर्चिता ने क्लास के वॉट्सऐप ग्रुप में भी किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी।
प्रताड़ना के आरोप में सिस्टर मर्सी पर कार्रवाई
घटना के बाद सिस्टर मर्सी के खिलाफ मणिपुर थाने में धारा 305 IPC के तहत अपराध दर्ज किया गया था। मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कार्मेल स्कूल की टीचर सिस्टर मर्सी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। पुलिस जब टीचर को लेकर कोर्ट पहुंची तो वहां भी अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। कोर्ट से सिस्टर मर्सी को जेल भेज दिया गया।
हाईकोर्ट से खारिज हुई थी FIR रद्द करने की याचिका
सिस्टर मर्सी को बिलासपुर हाईकोर्ट से 28 मार्च 2024 को रेगुलर बेल मिल गई थी। सिस्टर मर्सी ने मामले में दर्ज एफआईआर को शून्य करने के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने सिस्टर मर्सी की याचिका को 29 जुलाई 2024 को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की SLP
हाईकोर्ट से याचिका रद्द होने के बाद सिस्टर मर्सी ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में SLP (स्पेशल लीव पिटिशन) दाखिल कर दर्ज FIR को शून्य करने के लिए याचिका लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट में 29 अप्रैल 2025 को SLP ग्रांट करने पर सुनवाई हुई। SLP में कोई मेरिट नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में सिस्टर मर्सी की SLP खारिज हो गई। अब सिस्टर मर्सी को धारा 305 IPC की सुनवाई का सामना करना पड़ेगा।