भारत ने मॉर्डन एयर डिफेंस की क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया… ऑपरेशन सिंदूर की पूरे विश्व में मची धूम, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सेवानिवृत्त अमेरिकी सेना अधिकारी, शहरी युद्ध के शोधकर्ता और लेखक जॉन स्पेंसर ने पाकिस्तान के साथ पहलगाम आतंकी हमले के बाद सैन्य टकराव पर टिप्पणी करते हुए भारत की वायु रक्षा क्षमता की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत ने मॉर्डन एयर डिफेंस की क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया है. स्पेंसर मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में अर्बन वॉरफेयर स्टडीज के अध्यक्ष हैं.

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उन्होंने सबस्टैक पोस्ट में लिखा है, “हाल के हफ्तों में भारत ने आधुनिक वायु रक्षा की विकासशील प्रकृति का प्रदर्शन किया है. भारत ने न केवल अपने स्वयं के हवाई क्षेत्र को एक मजबूत किया, बल्कि विरोधी पाकिस्तान द्वारा तैनात चीनी निर्मित प्रणालियों को सफलतापूर्वक भेदने में भी सफल रहा

बता दें कि अपने सैन्य करियर के दौरान स्पेंसर एक पैदल सेना प्लाटून लीडर और कंपनी कमांडर थे, वो इराक युद्ध के दौरान दो युद्ध दौरे शामिल थे. इराक में उन्होंने 2003 में प्रारंभिक आक्रमण और बाद में 2008 में इराक युद्ध के दौरान सेना की वृद्धि और सदर सिटी की लड़ाई के दौरान सेवा की. उन्हें रेंजर स्कूल, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ आदि में भी नियुक्त किया गया था. बाद में वे स्ट्रैटेजिक स्टडीज ग्रुप के चीफ ऑफ स्टाफ के फेलो बन गए.

एयर डिफेंस में भारत ने दिखाई ताकत

उन्होंने लिखा, “यह याद दिलाता है कि रक्षा इस बारे में नहीं है कि आप क्या खरीदते हैं, बल्कि यह इस बारे में है कि आप क्या एकीकृत करते हैं. आज भारत के वायु रक्षा नेटवर्क में आकाश और QRSAM जैसे स्वदेशी रूप से निर्मित प्लेटफॉर्म का मिश्रण है, जिसे इजराइली बराक-8 सिस्टम और रूसी निर्मित S-400 के साथ जोड़ा गया है. ये परतें – लंबी, मध्यम और छोटी दूरी – सुरक्षा के एक सहज, बहु-स्तरीय जाल में एक साथ काम करने के लिए डिजाइन की गई हैं.

उन्होंने लिखा, सीमा पार, पाकिस्तान मुख्य रूप से HQ-9/P (S-300 के समान एक लंबी दूरी की SAM), LY-80 और FM-90 जैसी चीनी निर्मित प्रणालियां तैनात किया है, लेकिन ये प्रणालियां कागज पर सक्षम हैं, लेकिन जैसा कि भारत ने दिखाया है, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, गतिज हमलों और सैद्धांतिक चपलता के मिश्रण के माध्यम से प्रभावी पैठ संभव है.

यूक्रेन वॉर को लेकर स्पेंसर ने कही ये बात

उन्होंने आगे लिखा, लेकिन यह सिर्फ एक क्षेत्रीय कहानी नहीं है. यूक्रेन में युद्ध एक और महत्वपूर्ण सबक देता है. यूक्रेन का विशाल भूगोल – इसका 600,000 वर्ग किलोमीटर का खुला इलाका और शहरी बुनियादी ढांचा – एक कठिन चुनौती पेश करता है.

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उच्च-स्तरीय, सीमित-मात्रा वाली प्रणालियों पर निर्भर नहीं रह सकता. इसे अपने हाथ में आने वाली हर चीज को एकीकृत करना होगा, जैसे पश्चिमी SAM, सोवियत युग की Buk और S-300 इकाइयां, मोबाइल IRIS-T बैटरियां, मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS), और सबसे महत्वपूर्ण, जर्मन निर्मित गेपार्ड जैसी विरासत वाली एंटी-एयरक्राफ्ट गन आदि को.

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