दूल्हे ने अचानक पकड़ा साली का हाथ, बोला- चल मेरे पैरों में… मच गया हंगामा, बिन दुल्हन लौटी बारात

गाजे-बाजे के साथ दुल्हनिया के घर बारात पहुंची. बारात का धूमधाम से स्वागत किया गया. मौलवी ने फिर निकाह पढ़ा. उसके बाद बारी आई जूता चुराई की रस्म की. साली ने दूल्हे राजा से कहा- जीजू मुझे 1000 रुपये दो, तभी जूते वापस मिलेंगे. जीजा ने उसे 200 रुपये दिए, लेकिन साली 1000 रुपये लेने की जिद पर अड़ गई. दूल्हे को यह देख इतना गुस्सा चढ़ा कि उसने साली का हाथ जोर से पकड़ा और कहा- चल मेरे पैरों पर जूता पहना.

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यह सुनते ही वहां खड़े तमाम मेहमान दंग रह गए. दुल्हन के परिवार ने इस पर आपत्ति जताई तो दूल्हा पक्ष उनसे भिड़ गया. मामला इतना बिगड़ा कि दोपहर से रात और फिर सुबह हो गई. पूरी रात पंचायत चली. लेकिन कोई हल न निकला, जिसके बाद दूल्हा बिना दुल्हन के ही बारात वापस लेकर लौट गया.

मामला राजा का रामपुर थाना क्षेत्र का है. यहां एक गांव में शनिवार को दोपहर कासगंज के बरात पहुंची. निकाह के बाद जूता चुराई की रस्म के दौरान दूल्हे ने जूता पहनाने के लिए साली का हाथ पकड़ लिया, जिस पर विवाद हो गया. पंचायत चली और पुलिस को भी बुलाया गया. फिर रविवार को बारात बिना दुल्हन ही लौट गई.

200 रुपये दूल्हे ने साली को दिए

बताया जा रहा है कि जूता चुराई की रस्म के दौरान साली ने अपने जीजा से रुपयों की मांग की. इस पर जीजा ने केवल 200 रुपये दिए, लेकिन साली 1000 रुपये मांग रही थी. इस पर दूल्हे ने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा कि जूता पैर में पहन तब रुपये मिलेंगे. इसी बात पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया.

होने वाली ननद-सास ने कही थी ये बात

दुल्हन के पिता ने बताया- बेटी की शादी में मैंने क्षमता से अधिक खर्चा किया. खातिरदारी में कमी नहीं की, लेकिन दूल्हा पक्ष ने कोई भी नेग- दस्तूर नहीं पूरा नहीं किया. हमने दूल्हे के पिता से हाथ जोड़कर माफी मांग ली और बेटी की विदाई की तैयारी करने लगे. तभी लड़के की मां ने कहा कि लड़की को हम कार की डिक्की में डालकर ले जाएंगे. वहीं, लड़के की बहन ने कहा कि घर ले जाकर काटेंगे. यह सुनकर हम लोग डर गए और बेटी को विदा नहीं किया.

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