रायगढ़ में हाथियों की संख्या 200 पार:जिले के 5 रेंज में कर रहे विचरण, रात में 10 किसानों की फसल बर्बाद किया, विभाग कर रहा मानिटरिंग

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में दो वन मंडल है और पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि रायगढ़ के जंगल में हाथियों की संख्या 200 पार हो चुकी है। ऐसे में हाथी प्रभावित क्षेत्रों में दहशत का माहौल है, लेकिन विभाग अपनी मानिटरिंग कर रहा है। साथ ही कुछ क्षेत्र के जंगल में जाने से रोक लगा दी गई है।

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दरअसल रायगढ़ जिले का धरमजयगढ़ वन मंडल हाथियों के रहवास के लिए उपयुक्त है। ऐसे में उनकी मौजूदगी साल भर होती है, लेकिन इस बार जिले के जंगल में इनकी संख्या बढ़ गई है।

 

कोरबा व अन्य वन मंडलों से हाथियों का दल यहां पहुंचा है और जिले में 206 हाथी हो चुके हैं। इस दल में नर, मादा व शावक हैं तो कुछ हाथी अकेले ही विचरण कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि आज सुबह भी हाथियों के मौजूदगी की जानकारी होने के बाद क्रोंधा गांव में मुनादी करायी गई कि जंगल कक्ष क्रमांक 451 में हाथी दल मौजूद है और लोगों को तेंदुपत्ता तोड़ने जाने पर सर्तकता बरतने कही गई है। इसके अलावा फतेपुर, नरकालो रुपुंगा रोड पर भी हाथियों का दल विचरण कर रहा है।

10 किसानों का फसल बर्बाद हाथियों ने बीती रात किसानों का फसल भी रौंदा है। जिसमें घरघोड़ा रेंज के पानीखेत में एक किसान, चारमार में 2 किसान के फसल को नुकसान पहुंचाया।

 

वहीं धरमजयगढ़ वन मंडल के रूपुंगा में 4 किसान, लामीखार में 1 किसान व अंगेकेला में 2 किसानों की फसल को हाथियों ने बर्बाद कर दिया।

धरमजयगढ़ में 157 व रायगढ़ में 49 हाथी विभागीय रिकार्ड के अनुसार जिले में 206 हाथी हैं और इसमें धरमजयगढ़ वन मंडल में 157 हाथियों का अलग-अलग दल है। इसके अलावा रायगढ़ के दो रेंज में 49 हाथी विचरण कर रहे हैं।

इसमें नर हाथी 53, मादा 105 व शावकों की संख्या 48 है। जिसमें सबसे अधिक हाथी धरमजयगढ़ रेंज के रूपुंगा में 39, क्रोंधा में 31, लैलूंगा में 21 हाथी है। वहीं रायगढ़ के घरघोड़ा रेंज के डेहरीडीह में 42 हाथी है।

जंगल के रास्ते जाने से मना धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या पहले से अधिक है। ऐसे में जिन क्षेत्रों में हाथी दल व सिंगल हाथी विचरण कर रहे हैं, उस जंगल की ओर ग्रामीणों को जाने के लिए मना किया जा रहा है। ताकि कोई जनहानि न हो सके। इसके लिए विभाग द्वारा जंगल में बैनर भी लगा दिया गया है।

 

मानिटरिंग की जा रही है इस संबंध में धरमजयगढ़ SDO बाल गोविंद साहू ने बताया कि हाथियों की संख्या को देखते हुए पहले से अधिक निगरानी बढ़ा दी गई है।

 

ट्रैकर व हाथी मित्र दल पूरी तरह सतर्क हैं और ग्रामीणों को समझाईश भी दी जा रही है कि अकेले जंगल की ओर न जाए।

 

 

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