मिर्जापुर : कानून व्यवस्था रईसों के लिए मात्र एक किताबी जैसी कोई चीज हैं. जिसे रईस अपने मनमाफ़िक खरीदते रहते हैं. जिन्हें कानून का कोई डर नहीं हैं. यहां तक कि जिम्मेदार जिनके ऊपर कानून को लागू करने का भार हैं. वह भी मुंह फेर लेते हैं. जिससे गरीब पीड़ित कोर्ट और थाने के चक्कर काटते-काटते चकरघिन्नी बनके हार जाते हैं.
जिन्हें न्याय बहुत बेगानी चीज लगती हैं.थाना पुलिस के नाम से गरीबों में नफरत के बीज पनपने लगते हैं.ताजा मामला मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र का हैं. पीड़ित अमरनाथ ने पुलिस उच्चाधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र देकर गुहार किया कि उनका पुत्र अमरदीप (22 वर्ष), मुमताज नाम के व्यापारी के यहां गाड़ी चलाने का काम करता था.मुमताज का धंधा पुराने कनस्तरों (टीना) को ठीक करके सगरा, विंध्याचल स्थित गोदाम में रखता था.
जहां उनका बेटा अमरदीप कनस्तरों को मुमताज के साथ जाकर सप्लाई करता था. आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति से होने के नाते मालिक मुमताज बेटे को टॉर्चर भी किया करता था. जातिसूचक शब्दों के साथ जलील भी करता था. मालिक के टॉर्चर करने की बात को अमरदीप ने फोन के माध्यम से अपनी मां को बताते हुए, काम छोड़ने का जिक्र भी किया था, तो वह उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी.
इसी सब के पशोपेश में 4 अक्टूबर 2024 को मुमताज ने अमरदीप को बुलाया तो अमरदीप ने अपनी मां को बताया था. उसी शाम को पांच बजे मुमताज ने अमरदीप के आत्महत्या की बात बताई. बेटे के आत्महत्या की बात सुनते ही फौरन हम सभी वहां पहुंचे तो देखा कि बेटे अमरदीप की लाश को जमीन पर लिटाया गया हैं. मृत अमरदीप के शरीर पर कई अनगिनत चोटे भी थी. मौके पर पेंट गिरा मिला अमरदीप के हाथ और चेहरे और शरीर पर भी पेंट लगा हुआ था.जिससे मामला पूरी तरह से संदिग्ध प्रतीत हो रहा था, बावजूद इसके पुलिस और गोदाम मालिक लाश को जल्द से जल्द हटाने में जुटे हुए थे.
परिजनों के मुताबिक वहां मौजूद दरोगा से जब कहा गया कि उनके बेटे अमरदीप की हत्या हुई हैं, लेकिन कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं था. जवान बेटे को मृत देखकर मैं बदहवास हो गया. उसी बीच पता नहीं कब मुझसे लोगों ने दस्तखत करा लिया. आनन-फानन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार की गई. जो कि पूरी तरह से फर्जी थी. बेटे के मोबाइल व लाइसेंस को भी अभी तक पुलिस ने हमें नहीं दिया हैं.
हम गरीब हैं, जबकि मुमताज के पास काफी संपत्ति है, इसलिए मुमताज ने अपनी पैसों से जिम्मेदारों को खरीद लिया.उच्चाधिकारीयों के यहां गुहार करने पर काफी समय बीतने के बाद विंध्याचल कोतवाली पुलिस ने किसी तरह रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन विंध्याचल पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई अभी तक करना तो दूर रहा है उन्हें संरक्षण देने में जुटी हुई हैं.पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि चूंकि हम गरीब दलित हैं इसी लिए हम लोगों की सुनवाई नहीं हो पा रही है.