‘पीएम मोदी ने ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकराया’, ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री के संबोधन पर वर्ल्ड मीडिया ने क्या-क्या लिखा

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश को भरोसे में लेते हुए कहा कि आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है. प्रधानमंत्री ने देश के सैन्य शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया.’

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पीएम मोदी के संबोधन को वर्ल्ड मीडिया में प्रमुखता से कवरेज मिली है. अमेरिका से प्रकाशित होने वाले अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने भी पीएम मोदी के संबोधन की खबर को प्रमुखता दी है. अखबार ने लिखा है कि भारत ने केवल अपनी सैन्य कार्रवाई रोकी है और यदि भविष्य में देश पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो वह अपनी शर्तों पर जवाब देगा. वाशिंगटन पोस्ट ने पीएम मोदी के उस बयान को छापा है जहां उन्होंने कहा था कि अब अगर पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर होगी.

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते हैं.

अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता की पेशकश को स्वीकार नहीं किया.

जापान टाइम्स ने एक लेख में लिखा है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में न तो अमेरिका का जिक्र किया और न ही सीजफायर के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को क्रेडिट दिया.

 

जापान टाइम्स लिखता है, “सोमवार को मोदी ने युद्ध विराम के लिए अमेरिका का ज़िक्र नहीं किया और न ही ट्रंप को श्रेय दिया. इसके बजाय, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना द्वारा उसके “सीने” पर प्रहार किए जाने के बाद दुनिया से तनाव कम करने का आग्रह किया. इसलिए, जब पाकिस्तान ने अपील की और कहा कि वह आगे किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों या सैन्य दुस्साहस में शामिल नहीं होगा, तो भारत ने इस पर विचार किया.”

जापान टाइम्स ने पीएम के उस बयान को भी रेखांकित किया है जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा.

अखबार ने पीएम मोदी के बयान के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भी जगह दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने दो मुल्कों के बीच न्यूक्लियर क्लैश को रुकवा दिया.

‘द गार्जियन’ पीएम मोदी के उस बयान को प्रमुखता दी है जहां उन्होंने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई को केवल “रोका” है और किसी भी हमले का “अपनी शर्तों पर जवाब देगा”.

अखबार ने दावा किया है कि सोमवार को पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि युद्ध विराम की शर्तों में से एक यह समझौता है कि भविष्य में वार्ता किसी तीसरे देश में होगी, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात को संभावित स्थान बताया गया है.

हालांकि भारत की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं आया है.

पाकिस्तान की मीडिया एजेंसी समा टीवी ने अपने वेबसाइट में लिखा है कि पीएम मोदी ने एक बार फिर से पाकिस्तान को युद्ध की धमकी दी है.  इस लेख में लिखा गया है कि, “भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक टिप्पणी करके, युद्ध की धमकी देकर दो परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच किसी भी संभावित भावी वार्ता पर कठोर शर्तें लगाकर क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया है.”

समा टीवी ने लिखा है कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापक शांति वार्ता के विचार को खारिज करते हुए कहा, “बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. व्यापार और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.” उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि भारत भविष्य में किसी भी उकसावे का अपनी शर्तों पर जवाब देगा और भारत पाकिस्तान के “परमाणु ब्लैकमेल” को सहन नहीं करेगा.

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