भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर टैरिफ ( Steel- Aluminium Tariffs) के जवाब में कुछ सामनों पर सामान टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है. सोमवार को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में अमेरिका से आने वाले सामानों पर टैरिफ का ये प्रस्ताव दिया गया है. भारत ने डब्ल्यूटीओ में कहा है कि वह टैरिफ के चलते अपने व्यापार को हुए नुकसान के बराबर जवाबी टैरिफ लगा सकता है और इसलिए भारत अमेरिका के कुछ सामानों पर टैरिफ बढ़ाएगा.
7.6 अरब डॉलर का आयात प्रभावित
WTO के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ के चलते भारत से 7.6 अरब डॉलर के सामान का आयात प्रभावित होगा, जिससे 1.91 अरब डॉलर का टैरिफ आएगा. इसके जवाब में जैसे को तैसा वाली रणनीति अपनाते हुए भारत ने अमेरिका से आने वाले कुछ सामानों पर इतना ही टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है. एक नोटिस के जरिए भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से कहा कि वे अमेरिका के खास सामानों के ऊपर दी जा रही रियायतों को खत्म कर रहे हैं और उनके ऊपर आयात शुल्क बढ़ाया जाएगा. रिपोर्ट की मानें तो सेब, बादाम, अखरोट, नाशपाती, रसायन समेत 29 चीजें लिस्ट में शामिल की गई हैं.
भारत ने WTO से क्या कहा?
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने WTO से कहा कि एल्यूमीनियम और स्टील प्रोडक्ट्स के आयात पर अमेरिका द्वारा सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं, लेकिन इनको वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन को नोटिफाई नहीं किया गया है. भारत का कहना है कि अमेरिका द्वारा उठाए गए कदम GATT 1994 और AoS के अनुरूप बिल्कुल भी नहीं हैं. यही नहीं आर्टिकल 12.3, AoS के तहत परामर्श नहीं हुए हैं, इसलिए भारत आर्टिकल 8, AoS के तहत रियायतों को निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है.
मार्च में ट्रंप ने किया था ये ऐलान
गौरतलब है कि 2016-2020 के अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ट्रंप ने स्टील पर 25% और एल्यूमीनियम पर 10% टैरिफ लगाया था, लेकिन बाद में कनाडा, मैक्सिको और ब्राजील सहित कई व्यापारिक साझेदारों को इस टैरिफ से राहत दी थी. वहीं दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बीते मार्च 2025 में अमेरिका में सभी स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 फीसदी के टैरिफ लगाया था, जिसका उद्देश्य अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना था. इसके बाद यूरोपीय यूनियन के साथ ही कनाडा जैसे देशों ने भी इसका जवाब टैरिफ लगाकर दिया. अब भारत ने भी विश्व व्यापार संगठन में इसके प्रभावों का हवाला देते हुए टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है.
स्टील-एल्यूमिनियम टैरिफ का भारत पर असर?
भारत अमेरिका को भारी मात्रा में स्टील और एल्यूमिनियम निर्यात करता है. वित्त वर्ष 2023 में भारत ने अमेरिका को 4 अरब डॉलर का स्टील और 1.1 अरब डॉलर का एल्यूमिनियम निर्यात किया था.जनवरी 2024 में भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देश 336,000 टन स्टील और एल्यूमिनियन के आयात निर्यात पर सहमत हुए थे और वो भी बिना टैरिफ के.
अब ट्रंप अगर अमेरिका में हर देश से आनेवाले स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% का टैरिफ लगाया जाएगा, तो भारत के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी और निर्यात पर असर होगा. अमेरिका की ओर से स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ लगाने से वहां के खरीददारों को ये धातु और इनके उत्पाद खरीदना काफी महंगा पड़ जाएगा. इससे अमेरिका में इन दोनों ही धातुओं के आयात में गिरावट आएगी. अगर अमेरिका इन धातुओं को खरीदना कम करेगा तो भारत को हर साल करोड़ों-अरबों का नुकसान हो सकता है.