बेटे के बाद अब पिता की दरगाह पर भी मेला रद्द, सालार साह गाजी था गजनवी का सेनापति

उत्तर प्रदेश के बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले मेले की परमिशन को रद्द करने के बाद अब बाराबंकी में उनके पिता सालार साह गाजी की याद में लगने वाले मेला को भी अनुमति नहीं मिली है. पुलिस ने यह कदम तमाम संगठनों के विरोध को देखते हुए उठाया है. पुलिस ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए मेला रोकने की संस्तुति की है. बाराबंकी के सतरिख में स्थित सैयद सालार साह गाजी, महमूद गजनवी का सेनापति था.

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बहराइच में जिन सालार मसूद गाजी के मेले पर जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, उन्हीं के पिता सालार साहू गाजी की याद में बाराबंकी के सतरिख में लगने वाले मेले को भी मनाही हो गई है. पुलिस की रिपोर्ट पर मेला स्थगित कर दिया गया है. सतरिख के थाना प्रभारी ने मेले के आयोजन से कानून व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जताते हुए इसे रोकने की संस्तुति की है. कई हिन्दू संगठन संभल और बहराइच के बाद इस दरगाह पर भी मेला न लगाए जाने की मांग कर रहे थे.

दरगाह की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत

कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने थाना दिवस में दरगाह के आसपास की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत भी दर्ज कराई थी. पुलिस ने कानून व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए मेले पर रोक लगाई है. इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है कि अबआक्रांताओं की नहीं, रक्षकों की पूजा होगी. उन्होंने कहा है कि यह भारतभूमि प्रभु श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण और सम्राट अशोक जैसे युगपुरुषों की भूमि है. यहां उन विदेशी आक्रांताओं के नाम पर आयोजन घोर अपमान है, जिन्होंने भारत की संस्कृति को रौंदा है.

14 से 18 मई लगना था मेला

बाराबंकी जिले के सतरीख क्षेत्र में स्थित सैयद सालार गाजी उर्फ बूढ़े बाबा की मजार पर 14 से 18 मई तक प्रस्तावित मेला एवं उर्स को प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था के तहत स्थगित किया गया है. इसे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने एक राष्ट्रहितैषी और स्वागतयोग्य कदम बताया है. पीयूष शर्मा का कहना है कि यदि आयोजन हो तो चक्रवर्ती सम्राट, राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव जी के नाम पर हो, जिन्होंने सैयद सालार मसूद गाजी जैसे लुटेरे को उसकी सेना सहित परास्त कर इस देश से ही निर्वासित कर दिया था.

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