दिल्ली हाईकोर्ट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने अंजलि के खिलाफ सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट हटाने का आदेश दिया है. इन पोस्ट के जरिए आरोप लगाया जा रहा था कि अंजलि ने UPSC की परीक्षा में अनियमितता की है. इन पोस्ट के खिलाफ अंजलि ने मामला दर्ज कराया था, जिस पर आज कोर्ट ने पोस्ट हटाने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने X कॉर्प और गूगल को निर्देश दिया था कि वे अगले आदेश तक बिरला के खिलाफ सोशल मीडिया सामग्री को हटा दें या ब्लॉक कर दें, जैसा कि उन्होंने अपने मानहानि के मुकदमे में शिकायत की थी. मुकदमे का फैसला सुनाते हुए, जस्टिस ज्योति सिंह को X के वकील ने बताया कि मुकदमे में 16 विवादित पोस्ट में से 12 को हटा दिया गया था, जबकि शेष 4 पोस्ट तक पहुंच को अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरफ से रोक दिया गया था.
कोर्ट ने दिया पोस्ट हटाने का आदेश
कोर्ट ने मुकदमे का फैसला सुनाते हुए X को बची हुईं 4 सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है. इसमें यह भी कहा गया कि अगर बिरला X के संज्ञान में कोई समान पोस्ट लाते हैं, तो उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरफ से हटा दिया जाएगा. जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि बिरला ने हर्जाने या अदालती फीस की वापसी के लिए कोई दावा नहीं किया.
क्या बोलीं अंजलि बिरला
अंजलि बिरला का कहना था कि उनका चरित्र हनन किया जा रहा है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि सोशल मीडिया पोस्ट, ट्वीट, कमेंट उनके चरित्र और प्रतिष्ठा पर गंभीर आरोप लगाने वाली, घटिया टिप्पणियों से भरी हुई हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि सोशल मीडिया पोस्ट और ट्वीट के प्रसार से सार्वजनिक पद पर उनकी स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
इस अकाउंट पर किया गया था मामला दर्ज
अंजलि बिरला की शिकायत पर महाराष्ट्र साइबर सेल ने ध्रुव राठी (पैरोडी) के ट्विटर हैंडल और अन्य कई अकाउंट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता अधिनियम, 2023 की धारा 78,79,318(2), 352, 356(2), 353(2) और 3(5) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 (सी) के तहत FIR दर्ज की थी.