अवैध गर्भपात पर हरियाणा सरकार का एक्शन: 17 एफआईआर दर्ज, 13 क्लीनिक सील, 145 मेडिकल किट जब्त..

हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित टास्क फोर्स की मंगलवार को चंडीगढ़ में वीकली बैठक आयोजित गई की. बैठक में अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने की कोशिशों को तेज करने पर जोर दिया गया.

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने तथा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन के तहत राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के कोशिशों को तेज करने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया गया है.

17 FIR दर्ज, 13 दुकानें सील

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक हफ्ते (6 से 12 मई) के दौरान राज्य भर में अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट विक्रेताओं के खिलाफ 19 जगहों पर छापेमारी की गईं. इनमें से 17 पर FIR दर्ज की गईं, 13 दुकानों को सील किया गया और 145 एमटीपी किट जब्त की गई हैं.

बयान में कहा गया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.

बैठक में ये भी बताया गया है कि राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) के गठन के बाद हरियाणा में 43 एफआईआर दर्ज की गई हैं, 21 दुकानें सील की गई हैं और अब तक 6200 एमटीपी किट जब्त की गई हैं.

जीरो टॉलरेंस की नीति

बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात प्रथाओं के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दिया और अधिकारियों को सभी स्तरों पर निगरानी करने और पर्यवेक्षण बढ़ाने का निर्देश दिए. उन्होंने चेतावनी दी कि कानून लागू करने में लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा कि अवैध गर्भपात में संलिप्त पाए जाने वाले डॉक्टरों के मामले उनके लाइसेंस रद्द करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजे जाएंगे.

पुलिस के साथ तालमेल पर जोर

विभागों को सभी दर्ज मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करने और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों का पता लगाने के निर्देश दिए गए. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात को रोकने के लिए एमटीपी केंद्रों पर गहन निरीक्षण पर भी जोर दिया.

MTP किट की बिक्री पर नियंत्रण

साथ ही बैठक में एमटीपी किट की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि बिना रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ (RCH) पहचान संख्या के कोई भी किट न बेची जाए. जन्म पंजीकरण के आंकड़ों में बेहतर सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को हर हफ्ते झुग्गी-झोपड़ियों वाले क्षेत्रों का दौरा करने और जन्म पंजीकरण शिविर आयोजित करने के लिए कहा गया, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में कोई भी नवजात शिशु बिना पंजीकरण के न रह जाए.

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 12 हफ्ते या उससे ज्यादा अवधि में गर्भपात की संख्या एक हफ्ते के अंदर 425 से घटकर 226 रह गई, जो कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम है.

सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं कैंपेन

बैठक में ये भी कहा गया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने बालिका पहल को बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में मोबाइल वैन शुरू की है. साथ ही सोशल मीडिया पर समर्पित कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं. हरियाणा सरकार के ये सख्त कदम न केवल लिंगानुपात को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा दे रहे हैं.

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