इसी महीने होगी मानसून की दस्तक! मौसम विभाग ने बताया… 28 राज्यों में कब-कब होगी मानसूनी बरसात

देश में मानसून की दस्तक होने वाली है. मौसम विभाग के ताजा अपडेट की मुताबिक, इसी महीने यानी मई के अंतिम सप्ताह में मानसून के आने का अनुमान लगाया जा रहा है. मानसून के आने की वजह दक्षिण-पश्चिम मानसून की गतिविधियां देश में समय से पहले शुरू हो गई हैं. वहीं, इसकी रफ्तार और मूवमेंट के बेस पर मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 27 मई तक मानसून की उपस्थिति केरल में हो जाएगी. जबकि, यहां मानसून की आमद अमूमन 1 जून को होती है. दिल्ली-यूपी में भी समय से पहले मानसून के आने की संभावना है.

Advertisement

इस साल मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. मई का महीना तपती जलती गर्मी का होता है, लेकिन लगातार मौसम में बदलाव से अभी तक देश की राजधानी समेत कई राज्यों में मौसम सुहाना बना हुआ है. जिस समय में लोग लू के थपेड़े और चिलचिलाती गर्मी से जूझते थे, उस वक्त बारिश और ठंडी हवाएं लोगों को तरोताजा किए हुए हैं. अब मानसून को लेकर भी मौसम विभाग के ताजा अपडेट ने राहत भरी खबर दे दी है. पिछले दो दिनों से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, आज यानी 14 मई को बंगाल की खाड़ी में अंडमान सागर के कुछ क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून पहुंच चुका है.

Monsoon Rainfall Distribution Across India: कब-कहां आएगा मानसून?

केरल में मानसून की एंट्री 27 मई को होने की संभावना है. ये देश के अलग-अलग हिस्सों से होते हुए 5 जुलाई को राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में पहुंचेगा. यानी 27 मई से 5 जुलाई तक देश का हर हिस्सा मानसून की बारिश में भीग चुका होगा. इस बार मानसून में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है.

मानसून की शुरुआत 27 मई को होगी. 1 जून को केरल और तमिलनाडु में मानसून छा जाएगा. इसके बाद मानसूनी हवाएं कर्नाटक और आंध्र में प्रवेश करेंगी और 5 जून तक पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश देखने को मिलेगी.

Monsoon Onset Date in Kerala 2025: दक्षिण के राज्यों में मानसून

10 जून तक मानसून महाराष्ट्र और तेलंगाना के मध्य तक पहुंचेगा. यही वो समय होगा जब मानसून की एंट्री आंध्र के पूर्वी इलाके में होगी. ये इलाका ओडिशा से सटा हुआ है. ओडिशा में मानसून के 12 जून से 15 जून के बीच आने की संभावना है.

एमपी, बिहार और बंगाल में कब होगी मानसून की बरसात?

इसके बाद मानसून की एंट्री मध्य भारत में होगी. 15 जून को गुजरात, मध्य प्रदेश, मध्य छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और बिहार में बीचों बीच पहुंच चुका होगा. मध्य प्रदेश के ऊपरी इलाके, गुजरात के अरब सागर से सटे इलाके और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी 20 जून को मानसून पहुंच सकता है.

Monsoon Onset Date in Uttar Pradesh 2025: यूपी में कब होगी मानसून की एंट्री?

यूपी में पूर्वी इलाकों में 20 जून को मानसून की एंट्री होगी और 28 जून तक पूरे प्रदेश छा जाएगा. इसी समय उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर के पूर्वी इलाके भी मानसून वाली बारिश से भीग जाएंगे.

Monsoon Onset Date in Delhi 2025: दिल्ली और पहाड़ी राज्यों में कब आएगा मानसून?

देश का पश्चिमोत्तर हिस्से में मानसून सबसे अखिर में पहुंचता है. इस बार गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल मध्य, जम्मू-कश्मीर में 25 जून से 2 जुलाई तक मानसून के छा जाने की संभावना जताई गई है.

Whatsapp Image 2025 05 14 At 10.05.18

आगे बढ़ रहा मानसून

मौसम विभाग के मुताबिक,दक्षिण-पश्चिम मानसून 13 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ भागों में आगे बढ़ गया है. अगले तीन से चार दिनों के दौरान समुद्र में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना बनी हुई है.

आईएमडी बुलेटिन के मुताबिक, अगले 3-4 दिनों के दौरान दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के शेष हिस्सों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.

किसानों के लिए वरदान, लहलहाएगी फसल

समय से पहले मानसून की दस्तक किसानों के लिए वरदान साबित होगी. अगर समय से पहले सभी राज्यों में मानसून पहुंचता है तो देश के कृषि क्षेत्र की बड़ा फायदा पहुंचेगा. कृषि चक्र को गति और खेती के लिए जरूरी नमी समय रहते मिल सकेगी.मानसून की गतिविधियों को लेकर मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक द्रोणिका के रूप में ऊपर है.उत्तराखंड और उसके आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है.

यूपी-बिहार में क्या है स्थिति?

मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण अब पूर्वी बिहार और उससे सटे उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के ऊपर औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर बना हुआ है. वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण से दक्षिण ओडिशा तक एक द्रोणिका अब पूर्वी बिहार और उससे सटे उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण से झारखंड होते हुए दक्षिण छत्तीसगढ़ तक औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर बनी हुई है.

Advertisements