‘मुझे गद्दार कह लें, हजार बार कह लें, भारतीय ड्रोन से बेशुमार शहादतें हुई’, जश्न में डूबी पाकिस्तानी अवाम को पत्रकारों ने झकझोरा

‘…ये जवाब नहीं है, उन्होंने आपके मैनलेंड के चार शहरों में टारगेट को हिट किया है, दर्जनों बंदों को मार दिया है यार, आप क्या बात कर रहे हैं कि उनका तैयारा हमने गिरा दिया था… अजब बात है यार… आप अपने बच्चों को बेवकूफ बना रहे हो. इंडिया जब आपके एयरबेस पर अटैक किया तो आपने भी हमले किए, लेकिन आपने क्या टारगेट हिट किए? क्या इसके कुछ तफ्सीलात हैं हमारे पास, उसका कोई एविडेंस हैं?’

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पाकिस्तान के पत्रकार और यूट्यूबर अहमद नूरानी यूट्यूब पर एक बार शुरू होते हैं तो रुकते नहीं हैं. उनके पास पाकिस्तान सरकार के लिए सवालों का लंबा पुलिंदा है. अहमद नूरानी, असद तूर और कमर चीमा जैसे पाकिस्तान के पत्रकार ऑपरेशन बुनियान उल मरसूस में कथित जीत का जश्न मना रहे पाकिस्तानी अवाम को झकझोर रहे हैं और अपनी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. शहबाज शरीफ सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं.

अहमद नूरानी पाकिस्तान के वैसे पत्रकार हैं जिनके कुछ वीडियो को पाकिस्तानी सरकार ने ब्लॉक कर दिए हैं. अहमद नूरानी ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. एक वीडियो में वे कहते हैं, “पाकिस्तान ने भी हमला किया लेकिन इससे नुकसान क्या हुआ?’

भारत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘जो दूसरे तरफ से हमले किए गए उसके नुकसान के तफ्सील हैं, उसका एविडेंस है, पाकिस्तान के जितने भी शहर थे अमूमन… सूबा पंजाब और सिंध के शहर थे, सात तारीख के बाद इन शहरों में खौफ की फिजा रही. पाकिस्तान के तमाम छोटे-बड़े शहरों में भारतीय ड्रोन सैकड़ों की तादाद में आए, वे अपना काम करते रहे, इन ड्रोन के हमलों ने जहां जहां चाहा वहां-वहां पहुंच इख्तियार की. चाहे वो रावलपिंडी का स्टेडियम हो या फिर अटक के पास, यहां भी बंदा शहीद हुआ. बाकी ड्रोन से बेशुमार लोगों की शहादतें हुईं. पूरे पाकिस्तान के अंदर खौफ रहा. मैं आपको फैक्ट रिपोर्ट कहना चाहता हूं, आप मुझे गद्दार कहें, हजार बार कहें, बात यह है कि अगर आप फैक्ट पर नहीं चलेंगे तो बेहतरी नहीं ला सकेंगे. क्या सिवाय अमृतसर भारतीय शहरों में खौफ की फिजा रही.’

अहमद नूरानी के इस वीडियो पर दो हजार से ज्यादा लोगों ने प्रतिक्रिया दी है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान की सरकार के कहने पर 11 मई के पाकिस्तान के लोगों ने शुक्रिया दिवस मनाया. शहबाज शरीफ ने अपनी अवाम को कहा है कि 4 दिन की इस जंग में पाकिस्तान की जीत हुई है. सरकार के दावों पर भरमाई पाकिस्तान की जनता ने 11 मई को खूब पटाखे फोड़े.

लेकिन पाकिस्तान के इस दावे पर वहां के रक्षा विशेषज्ञ और भारत में टीवी डिबेट में शामिल होने वाले कमर चीमा ने सवाल उठाया है. उन्होंने एक प्रोग्राम में शिरकत करते हुए कहा, ‘आपके घर के अंदर उन्होंने हमला किया है, और आप पाकिस्तान में कहते हैं, मोदी साहब कामयाब हैं भाई, वो 100 परसेंट कामयाब हैं, वो 200 फीसदी सफल हैं, याद रखिए. और यहां पर ये कन्फ्यूज लीडरशिप का क्या करना है. मुझे नहीं पता. मेरे पास कोई आइडिया नहीं है.’

पाकिस्तान के एक अन्य पत्रकार असद तूर ने ऐसा ही सवाल अपनी सरकार से पूछा है. उन्होंने कहा है कि, ‘सब कंवेन्शनल वार जो भारत करेगा उसमें वो पाकिस्तान को खुदा न खास्ता इतना नुकसान पहुंचाएगा कि पाकिस्तान को लगेगा कि इसकी कीमत ज्यादा है. भारत में एक-आध कार्रवाई की कीमत बहुत ज्यादा है. हमें उतना हासिल नहीं होता है जितना नुकसान हमें उठाना पड़ता है. भारत वो कीमत बढ़ाना चाहता है पाकिस्तान के लिए.’

गौरतलब है कि पाकिस्तान में मीडिया पर पाकिस्तानी आर्मी की जबर्दस्त सेंसरशिप है. वहां कुछ भी विचार रखने के लिए पाकिस्तान के पत्रकारों और यूट्यूबरों को सेना के नजरिये का ख्याल रखना होता है. बावजूद इसके ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की पिटाई के बाद कई पत्रकार सीधे-सीधे पाकिस्तान की सरकार से सवाल पूछ रहे हैं.

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