छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के कर्रेगुट्टा (Karregutta) इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे अब तक के सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन ने नक्सल नेटवर्क की कमर तोड़ दी है। 22 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 31 नक्सली ढेर हो चुके हैं, जिनमें 16 महिलाएं और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों में से अधिकतर का संबंध नक्सली बटालियन नंबर-1 (Naxal Battalion No.1) से है और सभी पर इनामी राशि घोषित थी।
5000 फीट ऊंची पहाड़ी पर छत्तीसगढ़ पुलिस की वीरता
कर्रेगुट्टा की पहाड़ी 5000 फीट से भी अधिक ऊंची (5000 ft high hill) है, जहां तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यहां तकरीबन 280 किलोमीटर लंबी पहाड़ियों की श्रृंखला फैली हुई है जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र को जोड़ती है।
इस ऊबड़-खाबड़ इलाके में केवल बरसाती नाले ही जल स्रोत हैं, जिससे ऑपरेशन और भी कठिन हो गया।
IED ब्लास्ट में घायल हुए जवान
अब तक की जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान IED ब्लास्ट (IED Blast) की चपेट में आने से 8 से अधिक जवान घायल हो गए हैं। इसके बावजूद, फोर्स का मनोबल ऊंचा है और अभियान लगातार जारी है। CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस इस ऑपरेशन को लीड कर रही है।
शुरुआत में यह बताया गया था कि तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) और महाराष्ट्र की C-60 फोर्स (C-60 Force) भी ऑपरेशन का हिस्सा हैं। लेकिन बाद में दोनों राज्यों के ASP ने पुष्टि की कि उनकी यूनिट्स ऑपरेशन में शामिल नहीं हैं। तेलंगाना के चेरला (Cherla) को सिर्फ एक लॉन्च पैड (Launch Pad) के तौर पर उपयोग किया जा रहा है।
कर्रेगुट्टा के जंगलों में 2000 नक्सलियों की बताई जा रही मौजूदगी
कर्रेगुट्टा के जंगलों में करीब 2000 नक्सलियों की मौजूदगी बताई जा रही है, जिनसे अकेला छत्तीसगढ़ राज्य बिना किसी बाहरी राज्य की सैन्य सहायता के मोर्चा ले रहा है। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ के जज़्बे का उदाहरण बन चुका है।