अयोध्या: भारतीय सेना द्वारा हाल ही में किए गए साहसिक “ऑपरेशन सिंदूर” ने न सिर्फ देश की सीमाओं पर आतंकियों को करारा जवाब दिया, बल्कि इसकी गूंज अब देश के घरों तक पहुंचने लगी है। अयोध्या के जिला अस्पताल में 7 मई को जन्मे एक नवजात को इस ऑपरेशन से प्रेरणा लेकर ‘सिंदूर’ नाम दिया गया है. बच्चे के माता-पिता ने यह नाम राष्ट्रभक्ति की भावना से प्रेरित होकर रखा और कहा कि वे चाहते हैं कि उनका बेटा बड़ा होकर सेना में भर्ती हो, देश की सेवा करे और उसके नाम से ही उसकी पहचान बने.
पलिया शाहबदी निवासी पंकज कनौजिया और उनकी पत्नी सोनी कनौजिया के घर 7 मई को पुत्र रत्न का जन्म हुआ। जब उन्होंने सुना कि इसी दिन भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में आतंकियों को जवाब दिया है, तो उन्होंने तय किया कि वे अपने बेटे का नाम इसी ऑपरेशन के नाम पर रखेंगे. पिता पंकज ने कहा, “हमारा सपना है कि हमारा बेटा सेना में भर्ती हो, मातृभूमि की सेवा करे और देश का नाम रोशन करे. हम चाहते हैं कि उसका नाम ही उसकी पहचान बन जाए – एक सच्चे देशभक्त की पहचान.”
मां सोनी कनौजिया ने गर्व से कहा, “मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा सेना में जाकर देश की रक्षा करे, बहनों, माताओं और बेटियों की रक्षा का वचन निभाए. जब वह बड़ा होगा, तो उसे यह एहसास होगा कि उसका नाम सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है.”
अस्पताल में मौजूद स्टाफ नर्स मीरा गौतम ने बताया कि 7 मई को आयुष्मान वार्ड में कुल पांच बच्चों ने जन्म लिया था, लेकिन यह पहली बार है जब किसी ने अपने नवजात का नाम किसी सैन्य अभियान के नाम पर रखा है। उन्होंने कहा, “यह कदम न केवल देशभक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे सेना के पराक्रम से आम लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.”
“ऑपरेशन सिंदूर” भारतीय सेना द्वारा एक साहसिक कदम था, जिसने पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. इस मिशन ने न केवल सैन्य इतिहास में एक नई इबारत लिखी, बल्कि देशवासियों के मन में नई चेतना और गर्व भर दिया। अब यही नाम एक नवजात की पहचान बनकर देशभक्ति की भावना को अगली पीढ़ी तक ले जाने का माध्यम बन गया है.
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सेना के अभियान केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उनके प्रभाव से जनमानस भी गहराई से जुड़ जाता है. ‘सिंदूर’ अब सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का नाम बन गया है.