लोकल से ग्लोबल: वाराणसी के लंगड़ा आम की विदेशों में धूम, बढ़ रही डिमांड…

उत्तर प्रदेश के वाराणसी का लंगड़ा आम अब लोकल से ग्लोबल हो गया है. यहां के किसानों को पिछले हफ्ते दस टन बनारसी लंगड़ा आम का आर्डर मिला था. अब दस टन बनारसी लंगड़ा आम की मांग यूरोप और खाड़ी देशों से आई है. इस महीने के आखिर तक ये ऑर्डर भेज दिया जाएगा. दो साल पहले बनारसी लंगड़ा आम को GI टैग हासिल हुआ था और उसके बाद से बनारसी लंगड़ा आम की खूब डिमांड बढ़ी है.

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खाड़ी देशों में और अमेरिका में इसकी मांग ज़्यादा है. यूरोप में भी तेजी से बनारसी लंगड़ा अपनी जगह बनाते जा रहा है. GI एक्सपर्ट डॉक्टर रजनीकांत ने बात करते हुए बताया कि बनारसी लंगड़ा आम को जीआई टैग मिलना और इसकी ब्रांडिंग और प्रमोशन सब जिला प्रशासन की मेहनत का नतीजा है. अब इसका मार्किट बढ़ता जा रहा है.

लोकल से ग्लोबल हो गया लंगड़ा आम

उन्होंने कहा कि बनारसी लंगड़ा पहले लोकल मार्किट तक ही सीमित रहता था, लेकिन अब जीआई टैग मिलने और इसकी इंटरनेशनल लेवल पर ब्रांडिंग होने के बाद से बनारसी लंगड़ा भी मलीहाबाद के दशहरी और रत्नगिरी के अल्फांसो की ही तरह लोकल से ग्लोबल हो गया है. इसका सीधा लाभ किसानों को मिला है. उनको जो कीमत लोकल मार्किट में मिलती थी. उसमें 100 प्रतिशत का फ़ायदा मिला है. अब किसानों के पास इंटरनेशनल मार्किट है. इंटरनेशनल मार्किट से जो बचता है उसको भी वो लोकल मार्किट में अच्छी कीमत पर बेच रहे हैं. मांग बढ़ने से आम की पैदावार भी बढ़ी है. जल्द ही गोरखपुर का गौरजीत और सहारनपुर के चौसा आम को भी जीआई टैग मिलने जा रहा है.

अमेरिका से 10 टन लंगड़ा आम की मांग

खाड़ी देशों से और पश्चिमी यूरोप से दस टन के आर्डर मिलने से एक हफ्ते पहले ही अमेरिका से भी इसकी डिमांड आई है. अमेरिका में भी बनारसी लंगड़ा आम की मांग बढ़ने लगी है. अमेरिका की एक कंपनी ने बनारस के किसान से 10 टन लंगड़ा आम की मांग की है. यहां से इसे अमेरिका भेजा जाएगा. पहले आम की खेप मुंबई भेजी जाएगी. वहां से विमान के जरिए आम को अमेरिका भेजा जाएगा. भिखारीपुर गांव के किसान शार्दुल विक्रम सिंह के बाग से इस साल लगभग 10 टन लंगड़ा आम अमेरिका को निर्यात किया जाएगा. शार्दुल पिछले पांच साल से अपने बाग के आम विदेश में भेज रहे हैं. इस बार उनके यहां अमेरिका से 10 टन लंगड़ा आम की मांग है.

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