नागपुर के कामठी में हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर पथराव, AC कोच का कांच टूटा; यात्रियों में अफरा-तफरी

नागपुर के कामठी इलाके में हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर पथराव का मामला सामने आया है. यहां गुरुवार को नागपुर रेलवे स्टेशन से निकली हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर कामठी पहुंचने के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव किया. इस पथराव की वजह से कोच बी-2 की खिड़की का शीशा टूट गया. जिसके बाद यात्रियों ने फोन पर आरपीएफ को सूचना दी.

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बता दें कि हावड़ा एक्सप्रेस (12833), कामठी रेलवे स्टेशन पर 6.30 बजे के बीच दो मिनट के लिए रुकी थी. फिर अगले स्टेशन के लिए रवाना हो गई. ट्रेन के लोको पायलट ने बताया गया कि कामठी रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर कन्हान सैन्य छावनी क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने पथराव किया.

यात्रियों में मची अफरा-तफरी

अचानक चलती ट्रेन पर पथराव से ट्रेन में बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. जिसके बाद इसकी जानकारी कामठी रेलवे पुलिस बल आरपीएफ के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन पथराव करने वाले लोग नहीं मिले. वहीं इस घटना के बाद करीब 10 मिनट तक मौके पर रुकने के बाद हावड़ा एक्सप्रेस को आगे के लिए रवाना कर दिया गया. बताया जा रहा है कि रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच के आदेश दिए हैं.

चार वर्षीय मासूम बच्ची की गई जान

वहीं अप्रैल में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. विजयपुरा-रायचूर पैसेंजर ट्रेन पर हुई पत्थरबाजी में चार वर्षीय मासूम बच्ची की जान चली गई. मृत बच्ची का नाम शिवानी उर्फ आरोही अजित कांगरे बताया जा रहा है. पुलिस के अनुसार, पत्थर किसने फेंका, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है और मामले की जांच जारी है.

चलती ट्रेन पर पत्थर फेंका

पीड़ित बच्ची आरोही अपने परिवार के साथ एक धार्मिक यात्रा से लौट रही थी. वे विजयपुरा-रायचूर पैसेंजर ट्रेन से होसनल तालुका स्थित अपने गांव वापस जा रहे थे. जब ट्रेन सोलापुर के होटगी गांव के क्षेत्र से गुजर रही थी, तभी अज्ञात व्यक्ति ने चलती ट्रेन पर पत्थर फेंका. दुर्भाग्यवश, पत्थर सीधे खिड़की के पास बैठी आरोही के सिर पर आकर लगा. टिकेकरवाड़ी सोलापुर शहर के पास स्थित एक छोटा रेलवे स्टेशन है. कर्नाटक से आई विजयपुरा-रायचूर पैसेंजर ट्रेन टिकेकरवाड़ी स्टेशन से रवाना हुई. तब आरोही खिड़की के पास बैठी थी.

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