Uttar Pradesh: फर्जी आईडी बनाकर 1.74 लाख रुपये की साइबर ठगी: पुलिस जांच में जुटी, आमजन को सतर्क रहने की सलाह

Uttar Pradesh: जसवंतनगर कस्बे के मोहल्ला फक्कड़पुरा में साइबर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ एक अज्ञात साइबर अपराधी ने एक व्यक्ति के दोस्त की फर्जी आईडी बनाकर उससे 1.74 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है. पीड़ित, राशिद, ने तत्काल जसवंतनगर थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है. यह घटना एक बार फिर साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या और उनसे बचने के लिए आमजन को बरती जाने वाली सावधानियों की आवश्यकता को रेखांकित करती है.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, राशिद के एक दोस्त, जाउद्दीन, वर्तमान में सऊदी अरब में नौकरी करते हैं. 16 मई को राशिद के पास एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को जाउद्दीन बताया और एक फर्जी आईडी का इस्तेमाल करते हुए राशिद से बात की.

बातचीत के दौरान, जालसाज ने राशिद को बताया कि उसका वीजा रद्द होने वाला है और उसे तत्काल 1.75 लाख रुपये की सख्त जरूरत है। अपने दोस्त की परेशानी को समझते हुए और बिना किसी संदेह के, राशिद ने तुरंत उस अज्ञात व्यक्ति द्वारा बताए गए विभिन्न माध्यमों से 1.74 लाख रुपये भेज दिए.
वित्तीय लेनदेन का विवरण
राशिद ने अपनी शिकायत में विस्तार से बताया है कि यह राशि कैसे भेजी गई। उन्होंने एक्सिस बैंक खाता संख्या 924010026052870 से विक्की कुमार के मोबाइल नंबर 7762016456 पर 50,000 रुपये भेजे। इसके अतिरिक्त, राशिद ने अपने दोस्त हयात के एचडीएफसी बैंक खाता संख्या 500100287853343 का उपयोग करते हुए अभिकार्तेय जाटव के पेटीएम खाते (नंबर 7049658848) पर 25,000 रुपये ट्रांसफर किए. शेष 99,100 रुपये जन सेवा केंद्र आराध्य वन स्टॉप, जसवंतनगर के माध्यम से भेजे गए। यह दर्शाता है कि जालसाजों ने कई अलग-अलग खातों और तरीकों का इस्तेमाल किया ताकि उनकी पहचान को छिपाया जा सके.
पुलिस की कार्रवाई और जांच
वादी राशिद ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस को एक विस्तृत प्रार्थना पत्र सौंप दिया है। पुलिस ने उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है और तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। वर्तमान में, पुलिस उन सभी संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटा रही है जिनका इस्तेमाल इस धोखाधड़ी में किया गया था। इन जानकारियों के आधार पर, पुलिस को उम्मीद है कि वे जालसाजों तक पहुँचने में सफल होंगे। साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती को देखते हुए, पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है.
जनता के लिए महत्वपूर्ण सलाह
इस घटना के मद्देनजर, क्षेत्राधिकार आयुषी सिंह ने आम जनता से विशेष अपील की है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के किसी भी संदेश या कॉल पर विश्वास करने से पहले उसकी पुष्टि अवश्य करें. साइबर अपराधी अक्सर आपातकालीन स्थिति का बहाना बनाकर लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करते हैं और उनसे पैसे ठगने की कोशिश करते हैं. किसी भी अज्ञात या संदिग्ध कॉल पर आँख बंद करके भरोसा न करें, विशेष रूप से जब वित्तीय लेनदेन की बात हो। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आप अपने बैंक खातों, एटीएम पिन, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) या किसी भी अन्य संवेदनशील जानकारी को किसी के साथ साझा न करें, भले ही वह व्यक्ति खुद को बैंक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या आपका कोई परिचित क्यों न बताए। साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता ही सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं. यदि आपको किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का संदेह होता है, तो तत्काल स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें.

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