स्वास्थ्य सेवा या मज़ाक? श्योपुर में गर्भवती को नहीं मिली जननी एक्सप्रेस,सिस्टम की पोल खुली

श्योपुर : संजीवनी एक्सप्रेस की शुरुआत जिले में घायल और गंभीर रुप से बीमार मरीजों को त्वरित मेडिकल सेवा देने के लिए की गई थी.लेकिन अब देखरेख के अभाव में संजीवनी सेवा खुद ही दम तोड़ते नजर आ रही है.जिले के ज्यादातर एंबुलेंस खराब पड़े हैं.उनका मेंटनेंस नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आपात सेवा देने वाली ये एंबुलेंस कबाड़ में बदल रही है. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति में समय पर इलाज नहीं मिलने के चलते कई मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

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रात भर इंजतार करने के बाद भी महिला को नहीं मिली एम्बुलेंस 

श्योपुर जिला अस्पताल में भर्ती प्रसूता अंतिमा सुमन को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए रेफर करने की सलाह दी, सभी कागजी कार्यवाही पूरी हो गई परंतु जब बात आई जननी एक्सप्रेस की तो एंबुलेंस की खराब होने की वजह से उक्त गर्भवती महिला को रात भर इंजतार के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ.

सरकार भले ही लाख दावे कर ले पंरतु यह हालात श्योपुर में देखने को मिला है. मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला जब अधिकारियों के पास पहुंचा तो बह एम्बुलेंस की उपलब्धता नहीं होने की बात कहते नजर आए. पर सवाल खड़े यह हो रहे है कि जब ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की एम्बुलेंस संचालित की जा रही है इससे साफ तौर पर यही समझा जाएगा कि किस तरह से श्योपुर में सिस्टम पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है.

श्योपुर जिला अस्पताल में पहुंचे पूर्व जिला अध्यक्ष बोले यह हालात सीएम से करेंगे शिकायत

बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाट ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.जिसमें बह खुद कह रहे है कि में जिला अस्पताल में मौजूद हुं. और उन्होंने जननी एक्सप्रेस गाड़ी नंबर CG 04 MW 2517 जननी एक्सप्रेस वाली गाड़ी है. रात को 11:00 से एक मरीज परेशान हो रहा है.

 

इसके तार की स्थिति यह जिसमें कोई दम नहीं है. इन तारों पर जननी एक्सप्रेस को चलाया जा रहा है और सरकार से पैसा ले रहे हैं. माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मामले की शिकायत करेंगे किस प्रकार से शासन के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं या लोग काम करना नहीं चाहते हैं और लोग परेशान हो रहे हैं. सरकार चाहती है लोगों को सुविधा मिले सुविधा के नाम पर पैसे खाने वाले लोग इस प्रकार से कह रहे हैं. मैनेज मामले को लेकर सीएमएचओ डॉक्टर दिलीप सिकरवार को कॉल भी किया इसके बाद भी यह रवैया लोग अपना रहे हैं.

 

यह लोग काम करना नहीं चाहते हैं हम बीजेपी के जिला अध्यक्ष शशांक भूषण से मिलकर माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव से शिकायत करेंगे ऐसे लोगों की गाड़ियां बंद होनी चाहिए. मानपुर की एक महिला है अंतिमा सुमन भारती है रात को 11:00 बजे डॉक्टर ने उनको रेफर किया क्रिटिकल कैसे था लेकिन रविवार को सुबह तक किसी भी प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई. इस मामले की शिकायत अब मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से करेंगे.

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बोले गाड़ियों की कमी के चलते परेशानी उठानी पड़ी 

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ आरवी गोयल ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि कल कुछ एंबुलेंस ग्वालियर और कुछ कोटा गई थी और इस कारण एंबुलेंस की उपलब्धता न होने के कारण रघुनाथपुर से जो कोऑर्डिनेटर एम्बुलेंस बुलाई थी. उसमें एंबुलेंस का वहां से आने में थोड़ा टाइम लग गया और उसका टायर पंचर हो गया था.

 

इस कारण देरी हो गई तो हमने एंबुलेंस कोऑर्डिनेटर को अवगत करा दिया आप अपनी कंपनी से बात कर करके एम्बुलेंस की व्यवस्था को दुरुस्त कारण ताकि आपातकाल स्थिति में भेजने में देरी न हो.

लोगों का आरोप गर्भवती महिला के साथ कुछ भी हो सकता था इस लापरवाही पर सरकार ध्यान दे 

लोग अब आरोप लगा रहे हैं कि जब श्योपुर जिला अस्पताल में इस तरह से यह हाल चल रहे है. सिस्टम पर पूरी तरह से भ्रष्टचार हावी हो रहा है.इस पर लगाम लगाना चाहिए जिससे एम्बुलेंस की मॉनिटरिंग करने बालों के खिलाफ लगाम लग सके.सरकार भले की दावे कर रही है स्वास्थ सुविधा पर पंरतु स्थानीय प्रशासन और सत्ता में बैठे लोग अगर इस पर ध्यान दे तो शायद इन मामलों में सुधार आए.

सांसद का जिले कई बार दौरा पर जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों का नहीं किया निरीक्षण

मुरैना श्योपुर के सासंद शिवमंगल सिंह तोमर लगातार जिलें के दौरे पर रहते है.पर इनका ध्यान भी इस आपातकाल व्यवस्था और अपस्तालों पर नहीं गया. जबकि जनप्रतिनिधि का दायित्व बनता है कि सरकार द्वारा लोगों को सुविधा मुहैया कराई जा रही है पंरतु इस और सांसद महोदय ने भी ध्यान नहीं दिया. लोग तो लगातार आरोप लगाते है और आरोप लगना भी जायज है आखिर सांसद महोदय अगर इस गंभीर समस्या पर ध्यान दें तो शायद हो सकता है कि बिगड़ते सिस्टम में बदलाव आए।इतना ही नहीं जिले के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला ने भी कई दौरे जिले में किए उनका ध्यान भी इस ओर नहीं गया.

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