बिहार के भागलपुर में एक परिवार में बेटी के जन्म पर जमकर जश्न मनाया गया. अस्पताल से नवजात बेटी को घर लाने के लिए दुल्हन की तरह सजी गाड़ी भेजी. बेटी और मां का स्वागत किया गया. ऐसा जश्न भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में देखने को मिला. बेटी की पैदाइश पर परिजनों द्वारा मनाए गए जश्न की हर कोई तारीफ कर रहा है.
अस्पातल में उस समय अचानक दुल्हन से सजी गाड़ी को देखकर लोग चौंक गए, जब यह गाड़ी लेबर वार्ड की ओर बढ़ती दिखाई दी. गाड़ी पर फूलों की साज-सज्जा के साथ बड़े ही आकर्षक ढंग से “A” अक्षर लिखा गया था. किसी शादी या बारात जैसी इस सजावटी गाड़ी चर्चा का विषय बन गयी, लोगों ने चालक से इस गाड़ी के अस्पताल आने का वजह पूछा तो उसने बताया कि यह गाड़ी नवजात बच्ची को लेने आई है. थोड़ी ही देर में अस्पताल के लेबर रूम से एक महिला नवजात बच्ची के साथ बाहर निकली.
परिजनों को थी बेटी की आस
दरसअल, नवगछिया के श्रीपुर निवासी अभिलाषा कुमारी ने एक पुत्री को जन्म दिया. बेटी के जन्म की आस इस परिवार कई महीनों से थी, और उसके लिए कई ख्वाब भी सजाए हुए थे. बेटी होने की खबर मिली तो श्रीपुर के रहने वाले नीतीश कुमार के घर में जश्न का माहौल बन गया. पिता नीतीश के भी खुशी का ठिकाना नहीं था. उसके आगमन को लेकर हर कोई उत्साहित था. जब 24 घंटे बाद अस्पताल से जच्चा-बच्चा को छुट्टी मिली तो परिवार वालों ने उन्हें लेने के लिए विशेष तैयारी की.
दुल्हन से सजी गाड़ी पहुंची अस्पताल
बेटी को घर लाने के लिए दुल्हन सी सजी गाड़ी अस्पताल भेजी गई जिसने वहां मौजूद हर किसी का ध्यान खींचा.परिवार ने नन्हीं परी का नाम अंशिका सिंह रखा है. उन्होंने बताया कि अंशिका का अर्थ होता है ‘भगवान का अंश’ या ‘प्यारा सा टुकड़ा’. इस नाम में उस बच्ची के लिए परिवार के प्रेम और आस्था का प्रतीक भी छुपा है. यह दृश्य उस समाज के लिए एक सशक्त संदेश बनकर उभरा, जहां अक्सर बेटियों के जन्म पर मातम सा माहौल बन जाता है.
अस्पताल में कई बार दहेज उत्पीड़न या अन्य कारणों से पीड़ित महिलाएं पहुंचती हैं. कुछ घरों में बेटा न होने पर महिलाओं को ताने सुनने पड़ते हैं. लेकिन उसी अस्पताल में बेटी के स्वागत का ऐसा दृश्य एक नई सोच को जन्म देता है. बेटी के लिए ऐसा सम्मान और स्वागत समाज के लिए प्रेरणा बन गया है.