Uttar Pradesh: गोंडा जिले के थाना नवाबगंज के तुलसीपुर माझा के पट्टी बलराज गांव में 12वीं के छात्र अंशुमान सिंह (17) की हत्या के मामले में चौथे दिन बड़ा खुलासा हुआ है। गांव की गलियों में अब भी खामोशी पसरी है, लेकिन पुलिस की जांच ने कई चौंकाने वाले राज खोल दिए हैं.
जानकारी के अनुसार, अंशुमान की हत्या वर्चस्व की लड़ाई के चलते की गई थी। गांव के दबंगों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था, जो आखिरकार खून-खराबे में बदल गया। मुख्य आरोपी विशेष, जो अब भी फरार है, ने इस विवाद में अंशुमान को गोली मार दी थी.
मोबाइल बना रहस्य की चाबी
पुलिस को घटनास्थल से अंशुमान का मोबाइल मिला, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि फोन पूरी तरह से फार्मेट था। इसमें न तो कॉल डिटेल्स थीं और न ही कोई चैट या फोटो। पुलिस अब डाटा रिकवरी के जरिए सबूत तलाशने में जुटी है। मृतक के चाचा चंद्रप्रकाश ने बताया कि जब मोबाइल पुलिस को सौंपा गया तब वह लॉक था। इससे साफ है कि किसी ने साक्ष्य मिटाने की साजिश रची है.
बाल अपचारी को भेजा गया संप्रेक्षण गृह
हत्या में एक नाबालिग आरोपी की भी भूमिका सामने आई है, जिसे हिरासत में लेकर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है। परंतु मुख्य आरोपी विशेष अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। गांव में शनिवार को चौथे दिन भी पीएसी तैनात रही ताकि माहौल बिगड़ने न पाए.
एयरगन से शुरू हुआ शिकार, इंसान पर रुकी बंदूक
गांववालों के अनुसार, आरोपी विशेष ने हाल ही में एक एयरगन खरीदी थी और वह अक्सर पक्षियों का शिकार करता था। उसकी बंदूक से मोहल्ले के लोग पहले ही खौफ में थे। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वही शौक एक छात्र की जान ले लेगा। अब पुलिस विशेष की संपत्तियों की भी जानकारी जुटा रही है ताकि उस पर दबाव बनाकर उसे गिरफ्तार किया जा सके.
गांव में पसरा सन्नाटा, परिवार बेहाल
अंशुमान का परिवार सदमे में है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। घर में अब भी चाय के कप, किताबें और स्कूल बैग वैसे ही पड़े हैं जैसे अंशुमान उन्हें छोड़ गया था। गांव के लोग कह रहे हैं कि “ऐसे होनहार लड़के को मारकर समाज ने अपना ही भविष्य खत्म कर दिया।” फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में है.