15 दिन के अंदर माफी मांगें नहीं तो…’, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर सपा के अभद्र पोस्ट से बवाल

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के डीएनए से संबंधित समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. बृजेश पाठक के अधिवक्ता और यूपी बार काउंसिल के सदस्य प्रशांत सिंह अटल ने रविवार को समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष और सपा के मीडिया सेल प्रमुख को विवादित पोस्ट पर मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है.

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ब्रजेश पाठक के वकील ने इसके साथ ही समाजवादी पार्टी को 15 दिन के भीतर माफी मांगने को कहा है. साथ ही ऐसा नहीं करने पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही गई है. हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद समाजवादी पार्टी ने एक्स पर से पोस्ट डिलीट कर दिया है. लेकिन इसको लेकर बीजेपी में काफी आक्रोश है. पार्टी नेताओं ने सपा और अखिलेश यादव के खिलाफ प्रदर्शन की शुरुआत कर दी है.

सपा के मीडिया सेल के खिलाफ केस दर्ज

बृजेश पाठक के ऊपर की गई अभद्र टिप्पणी से नाराजा बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पुतला दहन किया. बीजेपी के ज़िला अध्यक्ष सुधांशु शुक्ला के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने राजर्षि तिराहे पर अखिलेश यादव का पुतला फूंका और विरोध में नारे लगाए.शुक्ला ने कहा कि उपमुख्यमंत्री की मां को लेकर की गई अशोभनीय पोस्ट में प्रदेश के लोगों में काफी आक्रोश है.

इससे एक दिन पहले बीजेपी महानगरअध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने इस मामले में सपा के मीडिया सेल के हैंडलर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.पुलिस के अनुसार, सपा के मीडिया सेल के खिलाफ बीएनएस की धारा 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 353(2) (विभिन समूहों के बीच शत्रुता,घृणा और वैमनस्यता को बढ़ावा देने वाले कृत्य), 356(2) (मानहानि) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया.

डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने साधा निशाना

उपमुख्यमंत्री पाठक ने शनिवार को ‘डिलीट’ पोस्ट को साझा करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का ऑफिशियल हैंडल है. किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा.’

अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है!! किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएँगे?

मामला बढ़ने पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘हमने उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गई आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे. आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाजी निंरतर करते आए हैं उस पर भी विराम लगेगा. ‘

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