मध्य प्रदेश के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ शीघ्र मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भोपाल के रवींद्र भवन में रविवार को यह घोषणा की। यहां कर्मचारी हितैषी कार्यों के लिए मप्र राज्य कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्रदेश के सात लाख से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलेगा। वर्ष 2019 में कांग्रेस की तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने कैशलेस उपचार के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ करने की बात कही थी। इसके बाद आई भाजपा सरकार ने भी कई बार भरोसा दिलाया पर आज तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने केंद्र सरकार का अनुसरण करते हुए कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के समान करने का निर्णय लिया है। नौ वर्षों से लंबित गृह भाड़ा भत्ता (एचआरए) की मांग पूरी की। अधिकारियों-कर्मचारियों की सुविधा के लिए स्थानांतरण नीति लाई गई है।
रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतिवर्ष मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) से भर्तियां की जाएंगी। कर्मचारियों के लिए शासकीय आवास की व्यवस्था प्राथमिकता पर की जा रही है। इस अवसर पर विधायक भगवानदास सबनानी, राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव और महामंत्री जितेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
एक परीक्षा से भरे जाएंगे सभी पद
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में यूपीएससी जैसी परीक्षा पद्धति लागू की जाएगी। इस परीक्षा में अंकों के आधार पर उन्हें ऊपर से नीचे तक के पदों के लिए नियुक्त किया जाएगा। एक बार चयन होगा। इसके बाद जहां जैसी जरूरत हो वहां भेजते जाओ। बिना बात के भर्तियां लटकाकर रखना अच्छी बात नहीं है।