ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने आठ मई को मिसाइलों और ड्रोन से अमृतसर के गोल्डन टेंपल और पंजाब के अन्य शहरों को निशाना बनाकर मिसाइलें दागी थीं. लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें धराशायी कर दिया था.
15वीं इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्री ने सोमवार को बताया कि सेना के एयर डिफेंस गनर्स ने गोल्डन टेंपल की ओर निशाना कर छोड़े गए सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया था.
मेजर जनरल ने कहा कि यह जानते हुए कि पाक सेना के पास कोई तय टारगेट नहीं है. हमने अनुमान लगाया कि वे भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थल सहित रिहायशी इलाकों को निशाना बनाएंगे. इनमें से गोल्डन टेंपल सबसे प्रमुख था. हमने गोल्डन टेंपल को एक पूरा एयर डिफेंस कवर देने के लिए अतिरिक्त आधुनिक हथियार जुटाए थे. 8 मई की सुबह अंधेरे में पाकिस्तान ने मानवरहित हवाई हथियारों मुख्य रूप से ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया.
उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए हम पूरी तरह से तैयार थे क्योंकि हमें इसकी आशंका थी. हमारे बहादुर आर्मी एयर डिफेंस गनर्स ने पाकिस्तानी सेना के नापाक इरादों को असफल कर दिया और गोल्डन टेंपल पर टारगेटेड सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया. इस तरह हमने हमारे गोल्डन टेंपल पर एक खरोंच भी नहीं आने दी.
मेजर जनरल ने कहा कि भारतीय सेना पेशेवर और जिम्मेदार फोर्स है, जिसने हमेशा बिना उकसावे के संयमित तरीके से ही जवाब दिया है. हमने सटीक हथियारों से सिर्फ आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया है. वहीं, पाकिस्तानी सेना के पास भारत पर हमला करने के लिए कोई वैध टारगेट नहीं है और ना ही पाकिस्तानी सेना के पास भारतीय सेना का सामना करने का साहस और क्षमता है. पाकिस्तान राष्ट्रीय नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता है.
भारतीय सेना ने आकाश मिसाइल सिस्टम, L-70 एयर डिफेंस गन सहित भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम का सोमवार को डेमो भी दिखाया कि किस तरह पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों से अमृतसर के गोल्डन टेंपल और पंजाब के अन्य शहरों को बचाया गया.
मेजर जनरल ने कहा कि भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सटी निशाने के साथ पाकिस्तान में कई जगह हमले किए. बहावलपुर और मुरिदके जैसे आतंकी गढ़ों पर हमला किया गया. इन नौ आतंकी ठिकानों में से मुरिदके लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है जबकि बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा है. इन हमलों के बाद हमने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि हमने जानबूझकर पाकिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने या सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना नहीं बनाया.