जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कर्मचारी हरकीरत सिंह ने मिलवाया था. जांच में खुलासा हुआ कि हरकीरत ने ज्योति को दो बार पाकिस्तान का वीजा दिलाने और सिख जत्थे के साथ वहां भेजने में मदद की. पुलिस ने हरकीरत का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच के बाद उन्हें पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जाएगा.
ज्योति से राष्ट्रीय जांच एजेंसी और मिलिट्री इंटेलिजेंस सहित कई केंद्रीय एजेंसियों ने रिमांड के दौरान कई घंटों तक पूछताछ की. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ज्योति के पास सैन्य जांच तक कोई पहुंच नहीं थी, लेकिन उसे पाकिस्तान समर्थक नैरेटिव को बढ़ावा देने के लिए एक ‘संपर्क’ के रूप में तैयार किया जा रहा था.
पूछताछ में ज्योति ने दानिश के साथ संबंधों पर ज्यादातर खामोशी बरती और कहा कि वह अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के लिए वीडियो बनाती थी, जो उसका शौक है. उसने पूछताछ में कोई पछतावा नहीं दिखाया और दावा किया कि उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग किया.
ज्योति ने तीन बार पाकिस्तान की यात्रा की, जहां उसे वीआईपी ट्रीटमेंट और पुलिस सुरक्षा मिली. उसके सोशल मीडिया वीडियो के अनुसार, उसे एक इफ्तार पार्टी में दानिश ने व्यक्तिगत रूप से गेट पर रिसीव किया और अपनी पत्नी से मिलवाया. ज्योति ने दानिश को भी हिसार आने का न्योता भी दिया.
बता दें कि दानिश को 13 मई 2025 को जासूसी के आरोप में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था. ज्योति ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि इसमें पाकिस्तान की कोई गलती नहीं है, जिसे जांच एजेंसियां एक नए तरह के युद्ध अभियान का हिस्सा मान रही हैं.
ज्योति की कश्मीर और अन्य राज्यों की यात्राओं की भी जांच हो रही है. उसकी एक महिला साथी, ओडिशा की यूट्यूबर प्रियंका सेनापति के साथ कथित संबंधों की पड़ताल की जा रही है.
ओडिशा के मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, “यदि कोई अवैध गतिविधि में शामिल है जो राज्य या देश के हितों को नुकसान पहुंचाती है, तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. ज्योति और प्रियंका के बीच किसी लिंक की पुष्टि होने पर एनआईए गंभीरता से जांच करेगी और उचित कार्रवाई होगी.”
पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इस पूरे ऑपरेशन की समन्वित जांच कर रही हैं. ज्योति के बैंक खातों, यात्रा इतिहास और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की गहन पड़ताल जारी है ताकि इस जासूसी नेटवर्क के अन्य पहलुओं का खुलासा हो सके.