भगवान श्री राम की नगरी में लगातार बढ़ रही जमीनों की कीमतों की वजह से एक बार फिर हत्या का मामला सामने आया है. जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए यहां इंसान ‘रावण’ बनते जा रहे हैं. जी हां, अयोध्या में रविवार को दिनदहाड़े एक दुर्दांत घटना को अंजाम दिया गया है जिसे पहले तो अयोध्या पुलिस सड़क दुर्घटना बताती रही, हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर दुर्घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सारी हकीकत सामने आ गई. भारी किरकरी होने के बाद मृतक की मां के द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई जिसके आधार पर सोमवार को मुकदमा दर्ज किया गया. एसपी सिटी ने आधिकारिक बयान जारी कर इस घटना की हकीकत बयान की है.
ये पूरा मामला जमीन की खरीद फरोख्त और कमीशन बाजी से जुड़ा है. अयोध्या में प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े निखिल निषाद को उसके ही साथियों हनुमान और मोहन ने स्कॉर्पियो से दौड़ा-दौड़ाकर कुचल दिया. इस हत्या के पीछे की बड़ी वजह कमीशन निकलकर आई है. पहले लाठी-डंडे चले, फिर बाइक से जान बचाकर भागे निखिल को स्कॉर्पियो से कुचल दिया गया. दो और साथी घायल हुए और उन्हें लखनऊ रेफर किया गया.
पहले जिसे सड़क हादसा बताया जा रहा था, वो अब सुनियोजित हत्या निकली है. मृतक की मां की तहरीर पर पुलिस ने हत्या और हत्या की कोशिश और बलवे का केस दर्ज किया है. इस हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. क्या अयोध्या में बढ़ती जमीनों की कीमत इंसानी जान से ऊपर हो गई है? क्या अब प्रॉपर्टी डीलिंग अपराध की नई दुनिया बन चुकी है? क्या रामराज्य की कल्पना करने वाले अयोध्या में अब कमिशन के कातिल पलने लगे हैं?
पहले भी हो चुका है जमीन के लिए खूनी संघर्ष
7 फरवरी 2025 को अयोध्या के बनबीरपुर गांव में दो युवकों की थार गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. मृतक का नाम था कप्तान सिंह और आलोक सिंह. वो अपने भाई शैलेंद्र और साथी आलोक सिंह के साथ खेत से लौट रहा था. गांव के ही अर्पित दुबे ने अपनी थार गाड़ी से उन्हें कुचल दिया था. कप्तान की मौके पर ही मौत हो गई जबकि आलोक गंभीर रूप से घायल हुआ था और लखनऊ में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था.
इस खूनी वारदात की वजह थी वर्चस्व की लड़ाई… शाम को हुई मामूली कहासुनी रात में हत्या में बदल गई. आरोपी अर्पित दुबे और उसका साथी सुनील जायसवाल वारदात के बाद फरार हो गए. अर्पित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जबकि दूसरा आरोपी सुनील फरार हो गया था.