मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के खकनार थाना क्षेत्र के रामखेड़ा गांव में जमीनी विवाद में एक कलयुगी भाई ने अपने ही बड़े भाई और भाभी की बेरहमी से हत्या कर दी और फिर हत्या के बाद छोटा भाई परिवार के साथ फरार हो गया. घटना की सूचना मिलने के बाद मृतक पति-पत्नी के दोनों बेटे घटनास्थल पर पहुंचे और वहां से उन्हें खखनार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बुरहानपुर के खकनार थाना क्षेत्र के तहत आने वाले रामाखेडा गांव में खेत में बने मकान के आंगन में पति पत्नी के शव मिलने से हड़कंप मच गया. मृतकों की पहचान भोगड़ा (55) और उनकी पत्नी जेमा बाई (50) के तौर पर हुई है, जो खेत में बने मकान पिछले काफी समय से रह रहे थे. खेत में बने मकान के आंगन में ही दोनों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. मृतक के बेटे इंदौर में रहकर पढ़ाई करते हैं.
आंगन में खून से लथपथ मिली लाश
हत्या की घटना के बाद जब बेटे ने उन्हें फोन किया तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. इस बात से वह काफी घबरा गया. इसके बाद उसने पड़ोस के खेत मालिक को फोन किया और कहा कि मेरे पिताजी से बात करवा दिजिए वह फोन नहीं उठा रहे हैं. पिता की बच्चों से बात करने वाले करने पड़ोसी मृतक के घर पहुंचा, जहां आंगन में पहुंचते ही उनकी आंखे फटी की फटी रह गई. पड़ोसी ने देखा कि दोनों पति-पत्नी की लाश खून से लथपथ आंगन में पड़ी हुई है.
लाठी-डंडों से पीटकर हत्या
इसके बाद घटना की सूचना मृतक पति-पत्नी के बेटों को दी गई. साथ ही पुलिस को भी दी गई. मामले की जानकारी होते ही खकनार थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई. थाना प्रभारी के अनुसार मृतकों के सिर पर चोट के गंभीर निशान है. प्रथम दृष्टि या प्रतीत होता है कि लाठी डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई होगी. वहीं, इस पूरे मामले पर मृतकों के बेटे दीपक ने बताया कि हम तीन भाई और एक बहन है. बड़ा भाई सालम भिलाई खेड़ा खंडवा में रहता है.
जमीन को लेकर चल रहा था विवाद
वहां पर भी हमारी जमीन है और वह उसे संभालता है. बहन लाली खंडवा में वकालत की प्रैक्टिस करती है. छोटा भाई प्रदीप और में इंदौर में पढ़ाई कर रहे हैं. मेरे पिता और मेरे चाचा बुधा ने मिलकर रामखेड़ा में 9 एकड़ जमीन खरीदी थी और मेरे एक अन्य चाचा रमेश ने भी इस गांव में 7 एकड़ जमीन खरीदी थी, लेकिन चाचा रमेश के पास जमीन कम होने से अक्सर वह मेरे पिता और माता से विवाद करते रहते थे.
‘चाचा माता-पिता को देते थे जान से मारने की धमकी’
उसे दिन पूर्व ही खेत की जमीन को लेकर सीमांकन भी हुआ जिसको लेकर भी विवाद हुआ था. मेरे चाचा बुधा की कोई संतान नहीं है और वह हमारे साथ ही रहते हैं. जिस वजह से भी चाचा रमेश अक्सर विवाद करते रहते थे और वह कई बार माता-पिता को जान से मारने की धमकी भी दे चुके थे.मृतकों के बेटे दीपक ने बताया कि 16 मई की शाम को हमारे हमारे माता-पिता से बात हुई तब सब कुछ सामान्य था, लेकिन 17 मई की सुबह जब हम तीनों भाइयों और बहन ने पिताजी को फोन किया तो फोन पर घंटी तो बज रही थी लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.
आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
फिर जब मैंने पड़ोसी खेत मालिक को वहां भेजा तो पता चला कि खेत में बने मकान के आंगन में दोनों मृत अवस्था में पड़े हैं. इसके बाद हमने पुलिस को फोन किया और दोनों को खकनार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. लेकिन जब चाचा रमेश के यहां हम पहुंचे तो उनके मकान पर ताला लगा हुआ था और बाइक भी गायब थी. फिलहाल पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है. फरार चल रहे चाचा की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है.