Uttar Pradesh: इटावा एआरटीओ कार्यालय पर प्रशासन का छापा: दलालों में मची भगदड़, पांच हिरासत में…

इटावा: इटावा के उपसंभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) में लंबे समय से पांव पसारे बैठे दलालों की बढ़ती गतिविधियों और कथित अवैध वसूली की शिकायतों के मद्देनजर मंगलवार को प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। सिटी मजिस्ट्रेट दिग्विजय सिंह और सीओ सदर रामगोपाल शर्मा के नेतृत्व में एक टीम ने एआरटीओ कार्यालय पर औचक छापा मारा, जिससे परिसर में हड़कंप मच गया और दलालों में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। छापेमारी की खबर फैलते ही कार्यालय के बाहर अवैध रूप से ‘दुकान’ सजाए बैठे दलाल अपनी सामग्री छोड़कर भागते हुए नजर आए.

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अवैध बस्ते जब्त, पांच संदिग्ध हिरासत में
छापेमारी के दौरान प्रशासन की टीम ने एआरटीओ कार्यालय के मुख्य द्वार के बाहर और परिसर के आसपास अवैध रूप से लगाए गए दलालों के बस्तों को तुरंत जब्त कर लिया। इन बस्तों में कामकाज से संबंधित फॉर्म, स्टैंप और अन्य दस्तावेज रखे हुए थे, जिनका उपयोग दलाल अपने अवैध कार्यों के लिए करते थे। इसके अतिरिक्त, सिटी थाना सिविल लाइन पुलिस की मदद से कार्यालय परिसर के अंदर और बाहर से पांच ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, जिन पर दलाली में लिप्त होने का संदेह है। इन सभी संदिग्धों से गहन पूछताछ की जा रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन व्यक्तियों से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है और बड़े दलालों का खुलासा भी हो सकता है.
शिकायतों के आधार पर रूटीन निरीक्षण
सिटी मजिस्ट्रेट दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह एक “रूटीन औचक निरीक्षण” था, जिसे लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर अंजाम दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि विगत कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि एआरटीओ कार्यालय में वाहन संबंधी कोई भी कार्य कराने के लिए आम जनता को दलालों पर निर्भर रहना पड़ता है। ये दलाल मनमाने ढंग से फीस वसूलते हैं और वैध प्रक्रियाओं को दरकिनार कर अपने माध्यम से काम कराने का दबाव बनाते हैं, जिससे जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है और आर्थिक नुकसान भी होता है.

अवैध वसूली पर लगाम लगाने का संकल्प
सिटी मजिस्ट्रेट ने दृढ़ता से कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जो सरकारी कार्यालयों में अवैध रूप से हस्तक्षेप कर जनता का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अभियान सिर्फ एक दिन की कार्रवाई नहीं है, बल्कि भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण और कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहेंगी ताकि एआरटीओ कार्यालय को दलालों के चंगुल से पूरी तरह मुक्त किया जा सके और आम जनता बिना किसी बिचौलिए के अपना काम आसानी से करवा सके। प्रशासन का लक्ष्य है कि कार्यालय में पूरी तरह पारदर्शिता आए और भ्रष्टाचार पर लगाम लगे। इस कार्रवाई से दलालों में भय का माहौल है, जबकि आम जनता ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है.

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