अयोध्या : बॉलीवुड के चहेते अभिनेता गोविंदा अचानक अयोध्या पहुंचे और रामलला के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.इस शांत और सादगीभरे धार्मिक दौरे ने जहाँ उनके चाहने वालों को रोमांचित कर दिया, वहीं रामनगरी की गिरती धार्मिक पर्यटन स्थिति ने चिंता की लकीरें खींच दी हैं.
गोविंदा पड़ोसी जनपद गोंडा में समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव दिग्विजय सिंह के तिलकोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे.कार्यक्रम के बाद उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर अयोध्या पहुंचकर रामलला का दर्शन किया। गोविंदा ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और बिना किसी हो-हल्ले के मंदिर परिसर में दर्शन कर लौट गए.
हालाँकि गोविंदा जैसे स्टार का आगमन भले ही कुछ क्षणों के लिए अयोध्या में रौनक ले आया हो, लेकिन बीते दो माह से यहां के धार्मिक पर्यटन का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन के महासचिव और अर्थशास्त्री प्रो. विनोद श्रीवास्तव के हालिया सर्वे के अनुसार, रामनवमी के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है.
जहाँ पहले प्रतिदिन 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन को पहुंचते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर मात्र 70 हजार के आसपास रह गई है। श्रद्धालु अब सुबह आते हैं और शाम तक लौट जाते हैं, जिससे उनके द्वारा किया जाने वाला खर्च 500 से 1000 रुपये के भीतर सीमित रह गया है। इससे स्थानीय होटल व्यवसाय, परिवहन सेवा, खानपान उद्योग और छोटे दुकानदारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
इस गिरावट का सीधा असर अयोध्या की स्थानीय अर्थव्यवस्था और सकल राजकीय घरेलू उत्पाद (SGDP) पर पड़ रहा है। महाकुंभ की भारी भीड़ के बाद आई यह ठहराव स्थिति न केवल व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बन गया है.
अब देखना यह है कि प्रशासन और पर्यटन विभाग इस गिरते धार्मिक पर्यटन को दोबारा कैसे गति देता है और श्रद्धालुओं की वापसी सुनिश्चित करने के लिए क्या रणनीतियाँ अपनाई जाती हैं.गोविंदा जैसे फिल्मी सितारों की मौजूदगी से भले कुछ समय के लिए प्रचार मिले, लेकिन स्थायी समाधान की दरकार अब पहले से कहीं अधिक है.