भोपाल- इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से तुर्किये की कंपनी को बाहर करने की मांग

भोपाल। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को सहयोग करने वाले तुर्किये के विरुद्ध भारतीयों में आक्रोश है। इसी के साथ तुर्किये की यहां काम करने वाली कंपनियों का विरोध भी शुरू हो गया है। तुर्किये की असिस कंपनी भोपाल व इंदौर मेट्रो ट्रेन में आटोमैटिक फेयर (किराया) कलेक्शन सिस्टम लगाने का काम कर रही है। भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने बुधवार को कहा कि तुर्किये की कंपनी द्वारा मेट्रो के जिन कामों का ठेका लिया गया है, उन्हें जल्द से जल्द निरस्त करवाया जाएगा।

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भारत विरोधी ताकतों का साथ देने वालों के लिए यहां कोई काम नहीं है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित हाईकमान से बातचीत करूंगा। बता दें, कंपनी ने एक साल पहले 53 स्टेशनों में यह सिस्टम लगाने के लिए 186 करोड़ रुपये में ठेका लिया था। 31 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भोपाल आएंगे।

वह लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसी दिन वर्चुअली इंदौर में मेट्रो ट्रेन के कमर्शियल रन को हरी झंडी दिखाएंगे।

भोपाल व इंदौर में मेट्रो बनाने वाली एमपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने तुर्किये की असिस इलेक्ट्रानिक ब्लिसिम सिस्टमेलेरी कंपनी को अंतरराष्ट्रीय टेंडर निकालकर यह काम दिया था।

कंपनी ने इंदौर और भोपाल में पांच-पांच स्टेशनों में यह सिस्टम लगा भी दिया है। ऐसे में यदि कंपनी को प्रतिबंधित किया जाता है तो मेट्रो के संचालन में रुकावट आ सकती है, क्योंकि नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया करने में कम से कम छह महीने का समय लगेगा।

इसके पहले मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि हमें जानकारी मिली है कि मेट्रो प्रोजेक्ट में काम कर रही कंपनी के शेयर तुर्किये की कंपनी में है। अधिकारियों से कहा है कि परीक्षण करें। यदि तुर्किये की कंपनी है तो हम उसे कैसे बंद कर सकते है। इस पर विचार करें।

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